इस स्विमिंग पूल को बनाने में सरकार ने लगाए 1.5 करोड़ रुपए, एक भी दिन नहीं हुआ इस्तेमाल, सरकार ने भी माना जनता का पैसा हुआ बर्बाद

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By Kalash TiwaryPublished On: August 2, 2025
indore swimming pool

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में नगर निगम के कार्यों में भारी लापरवाही सामने आई है। इसके साथ ही सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में गड़बड़ी का बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल यहां डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया एक स्विमिंग पूल आज तक एक दिन भी उपयोग में नहीं लाया गया है।

आश्चर्य यह कि इसकी स्वीकृति 2011 में दी गई थी और निर्माण कार्य वर्षों पहले पूरा भी हो चुका है लेकिन इसमें पानी ठहरता ही नहीं है, जिसके कारण एक भी दिन इसका उपयोग नहीं किया गया है। इस पूरे मामले की जानकारी खुद नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को विधानसभा में विधायक अर्चना चिटनीस के प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए दी। विजयवर्गीय ने स्वीकार किया है कि स्विमिंग पूल के निर्माण में गंभीर गड़बड़ी हुई है।

इस पूरे मामले का जिक्र करें तो 2011 में इसे स्वीकृति दी गई थी। इसकी प्रारंभिक लागत एक करोड़ 35 लाख रुपए थी। हालांकि इसे बनते बनते इस पर एक करोड़ 51 लाख रुपए खर्च कर दिए गए थे। वर्तमान स्थिति में पुल का एक दिन भी उपयोग नहीं किया गया है। जिस जगह पर स्विमिंग पूल का निर्माण हुआ है, वहां पानी का कोई स्थाई स्रोत ही नहीं है। पुल में पानी ठहरता ही नहीं यानी उसमें पानी भरना असंभव है, जिसके कारण इसमें तकनीकी खामी उजागर हुई है।

विजयवर्गीय ने जानकारी देते हुए बताया कि स्विमिंग पूल का निर्माण बीआरजीएफ योजना के अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग और नगर निकाय निधि से कराया गया था। इस मामले में पहले भी जांच करवाई गई पर जिम्मेदार अधिकारी या इंजीनियर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब हाल ही में 3 महीने पहले एक नई जांच समिति गठित की गई है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तेज की जाएगी।

ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि बिना पानी की उपलब्धता की जांच किया इतना बड़ा निर्माण कार्य कैसे स्वीकृत कर दिया गया? निर्माण एजेंसी और तकनीकी निरीक्षण करने वालों पर अब तक क्या कार्रवाई की गई है? वहीं जनता के टैक्स के पैसे से बना यह ढांचा क्या सिर्फ एक लोकार्पण स्मारक बनकर रह जाएगा? यह मामला केवल एक पुल की विफलता नहीं बल्कि सिस्टम की उदासीनता, भ्रष्टाचार और जवाब देही की कमी का भी प्रतीक बन चुका है।