अमरनाथ यात्रा 2025: नुनवान बेस कैंप से श्रद्धालुओं का 10वां जत्था रवाना, पहलगाम मार्ग फिर हुआ गुलजार

10वें जत्थे में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हैं जो बाबा बर्फानी के दर्शन की कामना लेकर नुनवान कैंप से आगे बढ़े। श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए, हाथों में तिरंगा और 'हर हर महादेव' के जयकारे लगाते हुए इस कठिन यात्रा को तय कर रहे हैं। यात्रा की सुरक्षा को देखते हुए सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना के जवानों की तैनाती की गई है।

Dilip Mishra
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अमरनाथ यात्रा 2025: जम्मू-कश्मीर में स्थित बाबा बर्फानी की अमरनाथ गुफा की वार्षिक यात्रा धार्मिक आस्था और साहस का संगम मानी जाती है। इसी क्रम में बुधवार सुबह, अमरनाथ यात्रा के लिए पहलगाम के नुनवान बेस कैंप से श्रद्धालुओं का 10वां जत्था रवाना हुआ। यह जत्था पारंपरिक पहलगाम मार्ग से होते हुए हिमालय की दुर्गम घाटियों में स्थित पवित्र गुफा की ओर बढ़ चला।

श्रद्धा और सुरक्षा के संग जारी है यात्रा

10वें जत्थे में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हैं जो बाबा बर्फानी के दर्शन की कामना लेकर नुनवान कैंप से आगे बढ़े। श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए, हाथों में तिरंगा और ‘हर हर महादेव’ के जयकारे लगाते हुए इस कठिन यात्रा को तय कर रहे हैं। यात्रा की सुरक्षा को देखते हुए सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना के जवानों की तैनाती की गई है। यात्रियों के ठहरने, भोजन, और चिकित्सा की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा सुदृढ़ की गई है।

पहलगाम रूट की खासियत

नुनवान से शुरू होकर यह मार्ग चंदनवाड़ी, पिस्सू टॉप, शेषनाग, महागुनस टॉप, पंचतरणी होते हुए गुफा मंदिर तक पहुंचता है। करीब 46 किलोमीटर लंबा यह ट्रेक रोमांचक भी है और चुनौतीपूर्ण भी। पहलगाम मार्ग को पारंपरिक रूट माना जाता है, जो प्रकृति की गोद से गुजरता हुआ हजारों सालों से आस्थावानों का मार्गदर्शन कर रहा है।

यात्रियों का उत्साह, प्रशासन की चौकसी

श्रद्धालुओं में यात्रा को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है। इस बार बड़ी संख्या में युवा, महिलाएं और बुजुर्ग भी यात्रा में भाग ले रहे हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से सुरक्षा के साथ-साथ श्रद्धालुओं को सुगम यात्रा देने के लिए हेल्थ चेकअप, मोबाइल क्लीनिक, ट्रैफिक कंट्रोल और हेलिकॉप्टर सेवाओं की भी व्यवस्था की गई है। ITBP, SDRF और मेडिकल टीम लगातार रास्तों पर निगरानी कर रही हैं। खराब मौसम को देखते हुए विशेष चेतावनियां भी जारी की गई हैं।

अमरनाथ यात्रा का महत्व

अमरनाथ यात्रा का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत बड़ा है। माना जाता है कि इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी। गुफा में बर्फ से स्वयं निर्मित शिवलिंग को देखने के लिए लाखों श्रद्धालु हर साल भारी कठिनाइयों के बावजूद यात्रा करते हैं।

श्रद्धा, संयम और सेवा की मिसाल

इस साल अमरनाथ यात्रा का प्रबंधन सुचारु रूप से आगे बढ़ रहा है। 10वें जत्थे का रवाना होना इस बात का प्रमाण है कि श्रद्धा और प्रशासन के सहयोग से यह यात्रा सफलता की ओर अग्रसर है। ‘बाबा बर्फानी की कृपा से सब मंगल हो’, इसी कामना के साथ अगला जत्था भी जल्द ही गुफा की ओर प्रस्थान करेगा।