एमपी में बारिश के बीच पानी को तरसे लोग, आदिवासियों ने किया अनोखा विरोध प्रदर्शन, रोड की जगह रेलवे ट्रैक पर ही चलानी पड़ी बाइक

श्योपुर में बिजली-पानी की किल्लत से परेशान होकर लोगों ने जब प्रदर्शन किया तो सड़क जाम हो गई। जिस वजह से अपनी जान जोखिम में डालते हुए लोगों ने रेलवे ट्रैक को ही वैकल्पिक रास्ता बना लिया और बाइक से गुजरते नजर आए।

Abhishek Singh
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मध्यप्रदेश एक बार फिर अपने अनोखे और हैरान कर देने वाले घटनाक्रमों की वजह से सुर्खियों में है। श्योपुर से वायरल हो रहे एक वीडियो ने सभी को चौंका दिया है। वीडियो में दर्जनों लोग कतार बनाकर अपनी बाइकें रेलवे ट्रैक पर चलाते नजर आ रहे हैं। पहली नजर में ऐसा लगता है जैसे यह ट्रैक खासतौर पर दोपहिया वाहनों के लिए तैयार किया गया हो, लेकिन असल में यह एक सक्रिय नैरोगेज रेलवे लाइन है।

हैरत की बात यह है कि इतने बड़े खतरे के बावजूद लोग न तो किसी दुर्घटना की चिंता कर रहे हैं, न ही नियमों की परवाह। सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर, लोग बेहद लापरवाही से इस खतरनाक रास्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह घटना न सिर्फ प्रशासन के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह भी दिखाती है कि बुनियादी सुविधाओं के अभाव में लोग किस हद तक जाने को मजबूर हो सकते हैं।

रेलवे ट्रैक बना बाइक का रास्ता 

दरअसल, पिछले शुक्रवार को बिजली और पानी की समस्या से परेशान आदिवासी ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस कारण श्योपुर-माधोपुर हाईवे पर स्थित सलापुरा पुलिया पर भारी जाम लग गया। जब मुख्य मार्ग बंद हो गया और लोगों को आवाजाही में दिक्कत होने लगी, तो उन्होंने एक वैकल्पिक रास्ता अपनाया। शुरुआत में एक युवक ने नैरोगेज रेलवे पुल से अपनी बाइक निकालकर रास्ता बनाया। उसके बाद देखते ही देखते करीब 200 से अधिक बाइकें इसी नैरोगेज ट्रैक से गुजर गईं।

हैदराबाद में भी हुई थी ऐसी ही घटना

करीब एक सप्ताह पहले हैदराबाद में भी एक इसी तरह की घटना सामने आई थी, जब नशे में धुत एक महिला ने अपनी कार रेलवे ट्रैक पर दौड़ा दी। ट्रैक पर कार देखकर रेल अधिकारी स्तब्ध रह गए। जब अधिकारियों ने महिला को रोकने का प्रयास किया, तो उसने कार की रफ्तार और बढ़ा दी। हालात को काबू में लाने के लिए अधिकारियों ने कुछ दूरी तक कार का पीछा किया, लेकिन सफल नहीं हो पाए। इसके बाद तुरंत रेलवे स्टेशन को सूचना दी गई और एहतियात के तौर पर बेंगलुरू-हैदराबाद रेल मार्ग पर ट्रेनों को रोक दिया गया। कुछ समय बाद जब महिला ने कार को ट्रैक से हटा दिया, तब जाकर स्थिति सामान्य हो सकी।