
मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी को आगामी 2 जुलाई 2025 को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। इसके लिए पार्टी ने विधिवत निर्वाचन प्रक्रिया तय कर दी है। 1 जुलाई को नामांकन दाखिल किए जाएंगे, और अगले दिन प्रदेश कार्यसमिति की वृहद बैठक में नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जाएगी।
वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद संगठन अब नए चेहरे की तलाश में है। चुनाव की प्रक्रिया पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की देखरेख में पूरी की जाएगी। प्रधान 1 जुलाई को भोपाल पहुंचकर अध्यक्ष चुनाव की निगरानी करेंगे।

आदिवासी चेहरे डीडी उईके सबसे आगे
इस बार अध्यक्ष पद की दौड़ में आदिवासी वर्ग को प्राथमिकता दिए जाने की संभावना प्रबल है। इस दिशा में सबसे प्रबल दावेदार के रूप में बैतूल से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उईके (डीडी उईके) का नाम सामने आया है। वे संघ की विचारधारा से गहराई से जुड़े रहे हैं और राजनीतिक जीवन से पहले एक सरकारी शिक्षक रह चुके हैं। मप्र में 22% आदिवासी जनसंख्या है, जिनमें 13% गोंड समाज से आते हैं, ऐसे में संगठन और संघ दोनों की सहमति उनके नाम पर बन सकती है।
महिला अध्यक्ष की भी संभावना
मध्यप्रदेश को बीजेपी की राजनीतिक प्रयोगशाला माना जाता है, जहां संगठनात्मक बदलावों के साथ अक्सर नए राजनीतिक समीकरण भी आजमाए जाते हैं। आने वाले 2028 विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र, जिसमें महिला आरक्षण और परिसीमन की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, पार्टी किसी महिला नेता को भी प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बड़ा संदेश देना चाहती है।
वर्गवार प्रमुख दावेदारों की सूची
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए विभिन्न सामाजिक वर्गों से संभावित दावेदारों पर भी चर्चा जारी है:
- ब्राह्मण वर्ग: डॉ. नरोत्तम मिश्रा, राजेन्द्र शुक्ल, रामेश्वर शर्मा
- वैश्य वर्ग: हेमंत खंडेलवाल, सुधीर गुप्ता
- क्षत्रिय वर्ग: अरविंद भदौरिया, बृजेन्द्र प्रताप सिंह
- अनुसूचित जाति (SC): प्रदीप लारिया, लाल सिंह आर्य, हरिशंकर खटीक
- अनुसूचित जनजाति (ST): गजेन्द्र सिंह पटेल, दुर्गादास उईके, फग्गन सिंह कुलस्ते, सुमेर सिंह सोलंकी
अन्य राज्यों में भी अध्यक्षीय बदलाव की प्रक्रिया
मध्यप्रदेश के साथ-साथ उत्तरप्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बदलने की प्रक्रिया में है। जबकि असम, बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर समेत अन्य राज्यों में यह प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है और नए अध्यक्षों की घोषणा कर दी गई है।