आषाढ़ अमावस्या पर लगाएं ये पौधे, बदल जाएगी किस्मत, जीवन में आएगी सुख-समृद्धि और खुशहाली

आषाढ़ अमावस्या हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ मानी जाती है, जो पितृ तर्पण, दान-पुण्य और वृक्षारोपण के लिए विशेष होती है। इस दिन पीपल, बरगद, नीम, तुलसी और बेल जैसे पौधे लगाने से पितरों की कृपा, सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

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Aashadha Amavasya 2025 : हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है, लेकिन आषाढ़ अमावस्या का स्थान सभी अमावस्याओं में सबसे खास माना जाता है। यह दिन न केवल पितृ तर्पण और दान-पुण्य के लिए उत्तम होता है, बल्कि वृक्षारोपण जैसे पुण्य कार्यों के लिए भी बेहद शुभ माना गया है।

धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या पर कुछ विशेष पौधे लगाने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-शांति तथा समृद्धि का वास होता है। आइए जानते हैं कि इस शुभ दिन पर कौन-कौन से चमत्कारी पौधे लगाने चाहिए और उनका धार्मिक महत्व क्या है।

आषाढ़ अमावस्या 2025 की तिथि और महत्व

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि 24 जून 2025 को शाम 7 बजे आरंभ होकर 25 जून को शाम 4:02 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार यह पर्व 25 जून, बुधवार को मनाया जाएगा। इसे हलहारिणी अमावस्या या पित्रु अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को कृषि कार्यों की शुरुआत के लिए भी शुभ माना गया है। तर्पण, श्राद्ध और वृक्षारोपण जैसे धार्मिक कार्यों से इस दिन का विशेष संबंध है, जो पितरों की शांति और कृपा प्राप्ति का मार्ग बनाते हैं।

Aashadha Amavasya पर लगाएं ये पौधे

पीपल वृक्ष

पीपल को हिंदू धर्म में देव वृक्ष की मान्यता प्राप्त है। कहा जाता है कि इसमें त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। आषाढ़ अमावस्या के दिन पीपल का वृक्ष लगाने से पितरों को शांति मिलती है, घर में सुख-शांति आती है और व्यक्ति को दीर्घायु प्राप्त होती है। यह वृक्ष जीवन के कष्टों को दूर करता है और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक माना जाता है।

बरगद (वट वृक्ष)

बरगद का वृक्ष भी अत्यंत पूजनीय होता है। इसे ‘कल्पवृक्ष’ कहा जाता है जो मनोकामना पूर्ति का प्रतीक है। आषाढ़ अमावस्या के दिन बरगद लगाने से वंशवृद्धि होती है, घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। यह वृक्ष विशेष रूप से गृहस्थ जीवन को स्थिर और समृद्ध बनाता है।

नीम वृक्ष

नीम वृक्ष केवल औषधीय रूप से ही नहीं, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी माना गया है। शनिदेव और मंगल ग्रह से इसका संबंध बताया गया है। आषाढ़ अमावस्या पर नीम का वृक्ष लगाने से बुरी शक्तियों से सुरक्षा मिलती है, घर में रोगों का प्रवेश कम होता है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर जीवन में संतुलन बनाए रखता है।

तुलसी का पौधा

तुलसी को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इसे देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है और भगवान विष्णु की पूजा में इसका विशेष स्थान होता है। आषाढ़ अमावस्या पर तुलसी का पौधा लगाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और आर्थिक समृद्धि आती है। यह पौधा वातावरण को शुद्ध करता है और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।

बेल वृक्ष

बेल का वृक्ष भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। आषाढ़ अमावस्या पर बेल वृक्ष लगाने से शिवजी की कृपा प्राप्त होती है, जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पापों का नाश होता है। यह वृक्ष शांति और भक्ति का प्रतीक है तथा इससे वातावरण में पवित्रता का संचार होता है।

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