नेपाल भागने की थी पूरी तैयारी, सोनम रघुवंशी और राज ने इंटरनेट पर ढूंढा था रास्ता, जमा कर चुके थे 15.53 लाख रूपए

हनीमून के दौरान अपने पति की हत्या करने वाली सोनम रघुवंशी ने वारदात के बाद नेपाल में छिपने की पहले से योजना बना रखी थी। पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह नेपाल भागने के लिए वही रूट चुन चुकी थी, जिसे आमतौर पर बड़े अपराधी इस्तेमाल करते हैं।

Abhishek Singh
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नेपाल भागने की थी पूरी तैयारी, सोनम रघुवंशी और राज ने इंटरनेट पर ढूंढा था रास्ता, जमा कर चुके थे 15.53 लाख रूपए

हनीमून के लिए मेघालय के शिलॉन्ग गई सोनम रघुवंशी ने अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या कर दी। जांच में स्पष्ट हुआ कि यह एक सोची-समझी और निर्मम हत्या थी। अब पूछताछ में सोनम ने खुलासा किया है कि वारदात के बाद वह लंबे समय तक नेपाल में छिपने की योजना पहले से बना चुकी थी।

नेपाल भागने के लिए चुना हाई-प्रोफाइल अपराधियों का रास्ता

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सोनम रघुवंशी ने भागने के लिए नेपाल को ठिकाना बनाने की योजना बनाई थी और इसके लिए उसने वही मार्ग चुना, जिसका इस्तेमाल अक्सर बड़े अपराधी करते हैं। जांच में सामने आया है कि सोनम और राज ने नेपाल पहुंचने वाले इस रूट की पहले ही पहचान कर ली थी, जो सिलीगुड़ी के बेहद करीब है—महज 36 किलोमीटर की दूरी पर।

आमतौर पर गोरखपुर से सुनौली होते हुए भैरवा के रास्ते भारत-नेपाल सीमा लगभग 95 किलोमीटर दूर होती है, जिसे करीब दो घंटे की ड्राइव में पार किया जा सकता है। अधिकांश लोग नेपाल जाने के लिए इसी मार्ग का उपयोग करते हैं। दूसरी ओर, सिलीगुड़ी और काकरभिट्टा के बीच भारत-नेपाल सीमा की दूरी सिर्फ 36 किलोमीटर है, जिससे नेपाल में प्रवेश अपेक्षाकृत आसान होता है। कई अपराधी अपराध के बाद फरार होने के लिए इसी रास्ते को प्राथमिकता देते हैं।

नेपाल भागने की रणनीति थी पहले से तय

सोनम ने हर स्थिति के लिए वैकल्पिक योजनाएँ पहले से तैयार कर रखी थीं। राजा की हत्या के लिए उसने चार योजनाएँ बनाई थीं, जिनमें चौथी योजना कामयाब रही—और अगर वह भी असफल होती, तो उसके पास एक पांचवां विकल्प भी मौजूद था। हत्या के बाद के कदमों को लेकर भी उसकी योजना तय थी। उसमें से एक प्लान यह था कि कुछ दिन बाद वह सिलीगुड़ी जाकर पुलिस को यह बयान दे कि राजा की हत्या लुटेरों ने की और वारदात के बाद वे उसे लूटकर अगवा कर ले गए।

पैसे ट्रांसफर के लिए चुना गया जीतेन्द्र का खाता

सोनम इतनी चालाक थी कि उसने किसी भी लेन-देन को अपने नाम से नहीं किया। पुलिस की जांच को भटकाने के लिए उसने अपनी मौसी के बेटे जीतेन्द्र का उपयोग किया। उल्लेखनीय है कि जीतेन्द्र काफ़ी कम पढ़ा-लिखा है। सोनम ने उसके नाम पर चार बैंक खाते खुलवाए और इनमें अपना नया मोबाइल नंबर दर्ज कर सभी ट्रांजेक्शन उसी से किए। इस साजिश के तहत सोनम ने 15 लाख 53 हजार रुपये पहले ही ट्रांसफर कर सुरक्षित रख लिए थे। यहां तक कि वह डिजिटल भुगतान के लिए भी अपने प्रेमी राज का पेटीएम अकाउंट इस्तेमाल कर रही थी।