MP News: जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत डिंडौरी जिले में जल संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर जिला स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन जिला पंचायत सभाकक्ष में किया गया। इस बैठक में बताया गया कि जिले को 2171 खेत तालाब निर्माण का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन प्रशासन ने इस लक्ष्य से भी आगे बढ़ते हुए 2321 तालाबों के निर्माण कार्य को स्वीकृति प्रदान की है, जिनमें से 2200 तालाबों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
यह तालाब मुख्य रूप से लघु और सीमांत किसानों के लिए लाभकारी साबित होंगे, क्योंकि इससे भूजल स्तर में बढ़ोतरी होगी, जिससे न केवल पानी की किल्लत दूर होगी बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

जलस्तर बढ़ाने हेतु कूपों में रिचार्ज संरचना का कार्य तेज
जल संरक्षण के दूसरे महत्वपूर्ण पहलू पर कार्य करते हुए, जिले में 1500 कूपों में जल स्तर बढ़ाने के लिए रिचार्ज संरचना निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे बढ़ाकर अब 1570 कूपों में कार्य स्वीकृत किया गया है। कलेक्टर नेहा मारव्या ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी कूपों में एक सप्ताह के भीतर गुणवत्तापूर्ण रिचार्ज संरचनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाए और उसके बाद एफटीओ (फंड ट्रांसफर ऑर्डर) की प्रक्रिया भी शीघ्रता से पूरी की जाए।
अमृत सरोवर और सार्वजनिक तालाबों का निर्माण भी जारी
जिले में जल संसाधनों के सुदृढ़ीकरण के लिए अमृत सरोवर योजना के तहत 13 अमृत सरोवरों और सभी जनपद पंचायतों में कुल 187 सार्वजनिक तालाबों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि तालाबों में बंड निर्माण, पिचिंग और वेस्ट वेयर का कार्य प्राथमिकता से किया जाए और इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। साथ ही, सभी निर्माण कार्यों की समय-सीमा में पूर्णता और उसकी रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत करने पर भी बल दिया गया।
गुणवत्ता और पारदर्शिता पर विशेष ध्यान
बैठक के दौरान कलेक्टर ने सभी निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी करने का निर्देश दिया। उन्होंने सहायक यंत्री और उपयंत्री से कहा कि वे प्राक्कलन के अनुसार निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करें और कार्यों की पूरी जानकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराएं ताकि वे स्थल भ्रमण के दौरान निरीक्षण कर सकें।
बैठक में प्रशासनिक एवं जनप्रतिनिधियों की रही उपस्थिति
इस समीक्षा बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रेश परस्ते, जिला पंचायत सीईओ अनिल कुमार राठौर, मनरेगा परियोजना अधिकारी प्रदीप कुमार शुक्ला सहित सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सहायक यंत्री, उपयंत्री, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी तथा सहायक लेखाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर जल संरक्षण की दिशा में जिले को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प दोहराया।