7 जून को बन रहा है मंगल और केतु की युति से कुजकेतु योग, इन राशियों के शुरू होंगे बुरे दिन, व्यापार में हो सकता हैं बड़ा नुकसान

7 जून को मंगल और केतु की सिंह राशि में युति से कुजकेतु योग बन रहा है, जो ज्योतिषीय रूप से अशुभ माना जाता है। इस योग का नकारात्मक असर खासकर कन्या, मेष और वृश्चिक राशियों पर पड़ सकता है, जिससे मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं और पारिवारिक कलह की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।

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ज्योतिषीय दृष्टि से आगामी 7 जून का दिन बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि इस दिन दो प्रभावशाली ग्रह मंगल और केतु सिंह राशि में एक साथ युति बनाएंगे। इस खगोलीय घटना को कुजकेतु योग कहा जाता है।

यह योग मंगल के प्रभावशाली और उग्र स्वभाव तथा केतु के रहस्यमय और विलक्षण प्रभाव के कारण विशेष रूप से शक्तिशाली होता है। हालांकि यह योग सकारात्मक परिणाम नहीं देता, बल्कि इसके प्रभाव से कुछ राशियों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। इस समय बनने वाला कुजकेतु योग कई लोगों के जीवन में अस्थिरता और तनाव का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं किन राशियों को इस योग से अधिक सतर्क रहना चाहिए।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों को इस समय अपने व्यवहार पर विशेष ध्यान देना होगा। केतु का प्रभाव इस राशि के स्वभाव में उग्रता और चिड़चिड़ापन ला सकता है। छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना, दूसरों से तीखी भाषा में बात करना और रिश्तों में तनाव आना इस समय संभव है। पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों को बचाए रखने के लिए जरूरी है कि ये जातक अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें और वाणी में मधुरता बनाए रखें। किसी भी विवाद से दूर रहना ही इनके लिए हितकर रहेगा।

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए यह गोचर विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कुजकेतु योग के प्रभाव से इन्हें मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, विरोधी या शत्रु सक्रिय हो सकते हैं और हानि पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं। इस समय किसी भी प्रकार की यात्रा में सतर्कता जरूरी है, क्योंकि दुर्घटनाओं या असावधानी के योग भी बन सकते हैं। बेहतर होगा कि मेष राशि के लोग मानसिक शांति बनाए रखने के उपाय करें और जोखिम भरे कार्यों से फिलहाल दूरी बनाएं।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि पर भी इस अशुभ योग का खासा प्रभाव पड़ सकता है। सबसे अधिक असर इनके स्वास्थ्य पर देखने को मिल सकता है, पुरानी बीमारियों का उभरना या नई समस्याओं की शुरुआत इस अवधि में संभव है। इसके साथ ही आर्थिक पक्ष भी कमजोर हो सकता है, धन हानि या अनचाहे खर्चों की अधिकता से ये जातक परेशान हो सकते हैं। पारिवारिक जीवन में भी तनाव उत्पन्न हो सकता है, जिससे मानसिक संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस राशि के लोगों को सोच-समझकर फैसले लेने चाहिए और जल्दबाज़ी से बचना चाहिए।

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