महाकुंभ में शामिल न होने वालों को ‘देशद्रोही’ कहने वाले कथित बयान को लेकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ चल रहे मामले की सुनवाई आज, 2 जून को जिला न्यायालय में होनी थी। हालांकि, शास्त्री स्वयं कोर्ट में पेश नहीं हुए।
इस प्रकरण में संदीप तिवारी बनाम पंडित धीरेंद्र शास्त्री की सुनवाई निर्धारित थी। शास्त्री की ओर से उनके वकील न्यायालय में उपस्थित हुए और जवाब प्रस्तुत करने के लिए अतिरिक्त समय देने का अनुरोध करते हुए एक आवेदन दाखिल किया। इस पर विचार करते हुए अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 12 जून 2025 तय की है।

देशद्रोही वाले बयान पर बढ़ी कानूनी तपिश
शहडोल के अधिवक्ता संदीप तिवारी द्वारा जिला न्यायालय में दायर आपराधिक परिवाद में कहा गया है कि यह मामला कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के उस विवादित बयान से जुड़ा है, जो उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ 2025 के दौरान दिया था। अपने बयान में शास्त्री ने कहा था कि “हर व्यक्ति को महाकुंभ में आना चाहिए, जो नहीं आएगा, वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा।”
इस बयान को भड़काऊ और असंवैधानिक मानते हुए अधिवक्ता तिवारी ने न्यायालय का रुख किया था। इस मामले की पिछली सुनवाई 20 मई 2025 को निर्धारित थी, लेकिन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सीता शरण यादव के अवकाश पर होने के कारण वह सुनवाई नहीं हो सकी थी।
BNS और IT Act की धाराओं में दर्ज है मामला
पंडित धीरेंद्र शास्त्री की ओर से उनके अधिवक्ता ने पहले मेमो प्रस्तुत कर उपस्थिति दर्ज कराई थी, जिसके बाद मामले की सुनवाई को 2 जून 2025 तक स्थगित कर दिया गया था। यह परिवाद भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धाराएं 196, 197(2), 299, 352, 353 तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धाराएं 66ए और 67 के अंतर्गत दायर किया गया है। सोमवार को अधिवक्ता ने अदालत में एक आवेदन प्रस्तुत करते हुए अनुरोध किया कि उन्हें उत्तर प्रस्तुत करने हेतु एक और अवसर दिया जाए। इस पर विचार करते हुए न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 12 जून 2025 निर्धारित की है।