MP में प्रमोशन का रास्ता साफ, 5 लाख कर्मचारियों को राहत, मिलेगा पदोन्नति का तोहफा

मध्य प्रदेश में करीब 4.75 लाख तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को लंबे इंतजार के बाद जल्द पदोन्नति मिलने वाली है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार पदोन्नति प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।

Abhishek Singh
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मध्य प्रदेश के सरकारी विभागों में लंबे समय से पदोन्नति का इंतजार कर रहे लगभग 4.75 लाख तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत मिलने वाली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पदोन्नति प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए यह प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है, जिससे पटवारी, शिक्षक, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी सहित लगभग 5 लाख कर्मचारियों को उनके योग्यतानुसार और वरिष्ठता के आधार पर जल्द पदोन्नति मिलने की संभावना है।

सुप्रीम कोर्ट निर्देशों के मुताबिक होगी पदोन्नति प्रक्रिया

मोहन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों को मान्यता देते हुए एक नया सिस्टम विकसित किया है, जिसके अंतर्गत कर्मचारियों की पदोन्नति वर्टिकल रिजर्वेशन (अनुपातिक आरक्षण) के नियमों के अनुसार की जाएगी। इस प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय क्रीमी लेयर के प्रावधानों को भी शामिल किया गया है।

लंबित प्रमोशन की प्रक्रिया 9 साल बाद पुनः सक्रिय

प्रदेश में वर्ष 2014 से पदोन्नति प्रक्रिया प्रभावित रही है, जिसका मुख्य कारण आरक्षण को लेकर कानूनी विवाद था। मध्य प्रदेश सरकार ने 2002 में पदोन्नति में आरक्षण लागू किया था, लेकिन इसके खिलाफ न्यायालयों में लंबी लड़ाई चली। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों तक, राज्य सरकार ने पदोन्नति प्रक्रिया को रोक रखा था। इस दौरान एक लाख से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए, जिन्हें पदोन्नति का लाभ नहीं मिल सका।

राजनीतिक मायनों में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा फैसला

मोहन सरकार का यह फैसला सिर्फ प्रशासनिक सुधार तक सीमित नहीं है, बल्कि आगामी 2028 के विधानसभा और निकाय चुनावों की रणनीति के रूप में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रदेश के लाखों कर्मचारी और उनके परिवार एक बड़े मतदाता समूह का हिस्सा हैं, जो वर्षों से पदोन्नति न मिलने के कारण सरकार से असंतुष्ट थे। इस वर्ग को संतुष्ट करने और उनका विश्वास हासिल करने के लिए इसे एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है।

किस वर्ग के कर्मचारियों को मिलेगा प्रमोशन का लाभ?

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने बताया कि, “पहले की गलत नीतियों के कारण कई कर्मचारियों को दो या उससे अधिक बार पदोन्नति मिली है, जबकि कुछ योग्य कर्मचारी अब भी इस अवसर से वंचित रहे हैं। अब सरकार हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार सही पात्रता वाले कर्मचारियों को ही पदोन्नति प्रदान करेगी। आरक्षित वर्ग के वे कर्मचारी जो सीधी भर्ती से पहले पद पर नियुक्त हुए हैं, उन्हें पदोन्नति से बाहर रखा जाएगा।”