प्रसिद्ध शायर दुष्यंत कुमार की धर्मपत्नी का रविवार को निधन

Mohit
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हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए…। एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों..” आपातकाल से अब तक देश में जब-जब हक की खातिर अंसतोष के सुर फूटे, तब-तब अमर कवि दुष्यंत की ये पक्तियां गूंजी हैं। एक ऐसा कलमकार जिसके हर शब्द ने सिस्टम को आइना दिखाया। अंसतोष को आक्रोश का स्वर दिया। जिनका मकसद हंगामा खड़ा करना नहीं, बल्कि देश और समाज की सूरत बदलना था। ऐसे महान कवि और साहित्यकार (स्‍वर्गीय) दुष्यंत कुमार की पत्नी राजेश्वरी देवी का रविवार रात भोपाल स्थित अपने निवास पर निधन हो गया। सहारनपुर जनपद के गांव डंगहेड़ा की रहने वाली राजेश्वरी देवी की शादी दुष्यंत कुमार से 30 नवंबर 1949 को हुई थी। दुष्यंत कुमार का निधन 1975 में हुआ था। 87 वर्षीय राजेश्वरी देवी लम्बे समय से बीमार थीं।