भारत में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि देश में दो लेन वाली करीब 25,000 से 30,000 किलोमीटर सड़कों को चार लेन में तब्दील किया जाएगा।
इस परियोजना पर 8 से 10 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च आएगा, जो देश के आर्थिक विकास को रफ्तार देने में अहम भूमिका निभाएगा।

हर साल पूरे होंगे लाखों करोड़ के सड़क प्रोजेक्ट
हाल ही में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य हर साल 5 से 6 लाख करोड़ रुपये तक की सड़क परियोजनाओं को समय पर पूरा करना है। इसके लिए पारंपरिक फंडिंग सिस्टम पर निर्भर रहने की बजाय अब सरकार Infrastructure Investment Trust (InvIT) जैसे मॉडल को बढ़ावा दे रही है। इससे घरेलू निवेशक भी सड़क निर्माण में हिस्सेदार बन सकेंगे और देश को दीर्घकालिक फंडिंग मिलेगी।
क्या है InvIT मॉडल और क्यों है गेमचेंजर?
इनविट मॉडल को म्यूचुअल फंड की तरह समझा जा सकता है, जिसमें आम निवेशक अपनी पूंजी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में लगाते हैं। सरकार इस पूंजी से सड़क निर्माण करती है और निवेशकों को निश्चित रिटर्न मिलता है। इससे फंडिंग में स्थिरता आती है और सरकार को बैंकों या विदेशी कर्जदाताओं पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।
BOT मॉडल में बड़ा बदलाव: सरकार वसूलेगी टोल
सड़क निर्माण के लिए BOT (Build-Operate-Transfer) मॉडल को भी नए स्वरूप में लागू किया जाएगा। अब पहले की तरह कंपनियां नहीं, बल्कि सरकार खुद 15 साल तक टोल वसूलेगी और निर्माण कंपनियों को एन्युटी के रूप में भुगतान करेगी। इसके साथ ही, सड़क की देखरेख और रखरखाव भी अगले 15 वर्षों तक ठेकेदार के जिम्मे रहेगा, जिससे गुणवत्ता पर भी निगरानी बनी रहेगी।
टोल दरों पर भी किया जा सकेगा नियंत्रण
गडकरी ने यह भी ऐलान किया कि अगर किसी सड़क पर टोल दरें 10% से ज्यादा बढ़ती हैं, तो उस अतिरिक्त रकम का आधा हिस्सा सरकार को जाएगा। यह कदम आम जनता पर अत्यधिक बोझ से बचाने और सरकार की आय में संतुलन बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
सड़कें बनेंगी विकास की रीढ़
सरकार का मानना है कि बेहतर सड़क नेटवर्क केवल आवागमन को ही नहीं, बल्कि औद्योगिक विकास, पर्यटन, रोजगार और निवेश को भी नई ऊंचाइयां देगा। इसी सोच के तहत सड़क निर्माण को अब ‘राष्ट्र निर्माण’ से सीधे जोड़ा गया है। सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना भारत को एक मजबूत आर्थिक ताकत में तब्दील करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।