सांची द्वारा दूध की कीमतों में प्रति लीटर 2 रूपए की वृद्धि किए जाने के विरोध में महिला कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल के नेतृत्व में पीसीसी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मूल्यवृद्धि को वापस लेने की मांग की और हाथों में तख्तियां लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए। विभा पटेल ने भाजपा की डबल इंजन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसकी नीतियों के कारण आम जनता बेकाबू महंगाई से जूझ रही है। उन्होंने बताया कि बीते 10 महीनों में यह दूसरी बार है जब दूध की कीमतें बढ़ाई गई हैं, और इसे जनविरोधी और महिला विरोधी निर्णय बताया।
दाल-रोटी का भी नहीं हो रहा जुगाड़
विभा पटेल ने कहा कि महंगाई इस कदर बढ़ गई है कि लोगों के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी कठिन हो गया है। सब्ज़ी, तेल, मसाले, आटा और चावल जैसी ज़रूरी वस्तुएं पहले से ही महंगी हैं, और अब 10 महीने के भीतर एक बार फिर 7 मई से दूध की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के शासनकाल में पहले ही दूध के दाम काफी ऊंचे हैं, और इस नई वृद्धि से आम जनता की परेशानियां और बढ़ेंगी।

बढ़ते दामों ने दूध को बना दिया ‘डोज़’
भोपाल महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष संतोष कंसाना ने कहा कि एक समय भारत को ‘सोने की चिड़िया’ कहा जाता था और यह भी कहा जाता था कि यहां दूध की नदियां बहती हैं। हमारे यहां परंपरा रही है कि भोजन में कुछ न हो तो भी बच्चों को कम से कम दूध-दही खिलाकर भेजा जाए। लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि दूध आम लोगों की पहुंच से बाहर होता जा रहा है। महिला कांग्रेस दूध की बढ़ी हुई कीमतों का विरोध करती है और सरकार से मांग करती है कि ये दाम तत्काल वापस लिए जाएं। यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो महिला कांग्रेस उग्र आंदोलन करेगी।