बच्चा-बच्चा आज फोन इस्तेमाल करता है हर कोई अलग अलग कंपनियों की सिम का प्रयोग करता है। वहीं अब इसके कई फ्रॉड भी सामने आ रहे हैं। मैसेज कर के दूसरों को लूटने और उनका फायदा उठाने के ऐसे कई सारे मामले सामने आ रहे है जिसको देखते हुए अब दूरसंचार विभाग में बल्क बायर और कंपनियों के लिए ग्राहक वेरिफिकेशन नियम कड़े कर दिए हैं। इन फ्रॉड्स को रोकने के लिए अब हर 6 महीने में सिम का वेरिफिकेशन करवाना बेहद जरुरी हो गया है।
कुछ नए नियम हाल ही में लागु किए गए है जिसको देखते हुए अब हर टेलीकॉम कंपनी को नया कनेक्शन देने से पहले कंपनी के रजिस्ट्रेशन की जांच करनी होगी और हर 6 महीने में कंपनी का वेरीफिकेशन करना होगा। ये फैसला कंपनी के नाम से हो रहे फ्रॉड को देखते हुए लिया गया है। इसके लिए आपको Corporate Affairs मंत्रालय से कंपनी के रजिस्ट्रेशन की जांच करनी होगी। जानकारी के मुताबिक, टेलीकॉम ग्राहकों के वेरिफिकेशन पेनल्टी के नियमों में ढील देने का फैसला किया था। जिसमे छोटी गलती के लिए टेलीकॉम कंपनियों पर 1 लाख़ रुपये की पेनल्टी नहीं लगेगी।
वहीं सरकार अब तक ग्राहक वेरिफिकेशन के नियमों का पालन नहीं करने पर सभी टेलीकॉम कंपनियों पर 3,000 करोड़ से ज्यादा की पेनल्टी लगा चुकी है। लेकिन अब हर 6 महीने में वेरिफिकेशन करवाना अनिवार्य होगा। साथ ही कंपनी को ये देनी होगी की ये कनेक्शन किसे दिया गया है। इस नियम के लागु होने के बाद कंपनियों को 3 महीने का समय मिलेगा। दूरसंचार विभाग ने ग्राहक वेरिफिकेशन के नियम आसान कर दिए थे। दरअसल, विभाग ने पेनल्टी के नियमों में ढील दी है। लेकिन अब सिर्फ चुनिंदा मामलों में ही 1 लाख रुपये की पेनल्टी लगेगी। पहले कंपनी को ग्राहक आवेदन फॉर्म में हर एक गलती पर 1000 से 50000 रुपए की पेनल्टी देनी होती थी।