रतलाम में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय वनवासी ग्रामीण मज़दूर महासंघ के राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले दिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम के दौरान रतलाम ग्रामीण से विधायक मथुरालाल डामोर मंच पर स्थान न मिलने से असंतुष्ट नजर आए और अपनी नाराजगी जताई।
नाराज़ विधायक डामोर कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर अपने सुरक्षा दल के साथ वापस लौटने लगे। स्थिति को संभालने के लिए भाजपा नेता विनोद कर्मचंदानी और सीएसपी सत्येंद्र घनघोरिया ने उन्हें रोकने और मनाने का प्रयास किया। इस दौरान डामोर ने कहा—

मैं रतलाम ग्रामीण क्षेत्र का विधायक हूं और बिरसा मुंडा व टंट्या भील जैसे महान आदिवासी नेताओं की विरासत का प्रतिनिधि हूं। इसके बावजूद मुझे मंच पर जगह नहीं दी गई, जबकि महापौर को मंच पर बैठाया गया। मुझे नीचे ऐसी जगह बैठाया गया जहां ठीक से हवा तक नहीं आ रही थी।
रोजगार बढ़ाने वाले उद्योगों को 70% सब्सिडी देगी सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अब मशीन-निर्भर उद्योगों की बजाय रोजगार सृजन करने वाले उद्योगों को प्राथमिकता दे रही है। नए उद्योग स्थापित करने वालों को 70 प्रतिशत सब्सिडी के साथ-साथ बिजली और ब्याज में भी रियायतें दी जाएंगी।
उन्होंने बताया कि नए औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए स्थायी आवास की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही, बंद पड़े उद्योगों के श्रमिकों के बकाया भुगतान को लेकर सरकार सक्रिय रूप से प्रयास कर रही है। इसी क्रम में, रतलाम की बंद पड़ी सज्जन मिल के श्रमिकों का भी बकाया चुकाया जाएगा।
आयोजकों ने स्वीकारी चूक, कहा– जल्द मनाएंगे विधायक को
कार्यक्रम के आयोजक और वनवासी ग्रामीण मजदूर संघ के प्रभारी, जयंतीलाल ने स्वीकार किया कि कहीं न कहीं गलती हुई है। उन्होंने कहा कि विधायक हमारे सहयोगी हैं, हम उनसे मिलकर माफी मांगेंगे और उन्हें मनाने की पूरी कोशिश करेंगे।
सीएम से मिलने की चाह में बुजुर्ग महिला की आंखों में आंसू
कार्यक्रम के दौरान ताल क्षेत्र के भेंसोला गांव से आई एक बुजुर्ग महिला मुख्यमंत्री से मिलने के लिए भावुक हो गईं। मधुबाला ने बताया कि उनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल है, लेकिन सचिव द्वारा उनके मकान की स्वीकृति नहीं दी जा रही है। मधुबाला ने आगे कहा—
मैं आंगनबाड़ी में रोटी बनाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करती हूं। स्वसहायता समूह से ऋण लेकर मैंने अपने घर की छत बनवाई है। 15 तारीख को ग्राम सभा में भी इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मामले की जानकारी मिलते ही जिला पंचायत सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव ने महिला से बात की और उसे अलग से बिठाकर पूरे मामले की विस्तृत जानकारी ली।
धार और झाबुआ में मेडिकल कॉलेज का ऐलान
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि धार और झाबुआ में नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि अगले दो वर्षों के भीतर वनवासी क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही, आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नए उद्योगों की स्थापना की जाएगी।