सावन के तीसरे सोमवार पर शाही ठाठबाट के साथ निकली बाबा महाकाल की सवारी

Akanksha
Published on:
mahakal

उज्जैन: सावन के तीसरे सोमवार पर हरियाली अमावस्या और सोमवती अमावस्या का संयोग हैं। वही उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में शिवजी की भस्मारती के बाद शिवजी का विशेष श्रृंगार हुआ। सावन मास में उज्जैन में महाकाल के दर्शन करने बड़ी संख्या में भक्त आते है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते सिमित संख्या में भक्तों को दर्शन करने की अनुमति दी गई है। महाकाल मंदिर समिति ने केवल मध्यप्रदेश के भक्तों को ही अनुमति दी है। मध्य प्रदेश के ओंकोरश्वर-ममलेश्वर ज्योर्तिलिंग और मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर में भी भोलेनाथ की आज विशेष आरती हुई।

बता दे कि उज्जैन में सोमवती-हरियाली अमावस्या पर शिप्रा नदी के घाटों पर पुरे दिन पुलिस का पहरा है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस बार हरियाली अमावस्या पर स्नान पर सख्ती से रोक लगा दी गई है। आज ही सावन सोमवार और महाकाल की तीसरी सवारी का दिन होने के कारण हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना थी।

सावन मास के तीसरे सोमवार पर उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी में भगवान मनमहेश, चंद्रमौलेश्वर के साथ शिवतांडव रूप में दर्शन देंगे। साथ ही शाम चार बजे महाकाल मंदिर से शाही ठाठबाट के साथ राजा की सवारी नगर भ्रमण के लिए रवाना होगी और शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। घाट पर पुजारी भगवान का शिप्रा जल से अभिषेक-पूजन करेंगे। पूजन पश्चात सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धि मंदिर के सामने से बड़ा गणेश होते हुए वापस महाकाल मंदिर पहुंचेगी।सवारी में किसी भी बाहरी श्रद्धालु का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।