जैसा की आप सभी को पता है श्रावण मास चल रहा है ऐसे में भगवन शिव की पूजा अर्चना करने का काफी महत्त्व माना जाता है। ये पावन महीना हिन्दू धर्म का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। वहीं सावन के महीने में भोले अपने भक्तों से प्रसन्न रहते हैं। सावन कई ऐसी तिथियां आती हैं जो इस महीने में और भी ज्यादा खास हो जाती हैं। ऐसे में कई श्रद्धालु भगवान शिव की आराधना करते हुए उनके लिए और अपनी अच्छी मनोकामनाओं के लिए व्रत रखते है। लेकिन क्या आप जानते है सावन में जो व्रत किया जाता है उसमें सफेद नमक का इस्तेमल क्यों नहीं किया जाता। आज हम आपको बताने जा रहे हैं क्यों सावन के व्रत में सफेद नमक का प्रयोग क्यों नहीं किया जाता है।
आपको बता दे, व्रत के लिए अधिकतर लोग फलहार लेना पसंद करते है। ऐसे में लोग इस बात का भी ध्यान रखते है कि उस फलहार में सफेद नमक ना हो ये इसलिए क्योंकि सफेद नमक आर्टिफिशल और केमिकल बेस्ड नमक होता है और इसे शुद्ध नहीं माना जाता है। वहीं व्रत में सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है जिसे काफी ज्यादा शुद्ध तो नहीं पर व्रत में काम में लिया जा सकता है। सेंधा नमक को सफेद नमक की तुलना में ज्यादा शुद्ध और पवित्र माना जाता है।
जानकारी के मुताबीक, आयुर्वेद में सेंधा नमक को स्वास्थ्यवर्धक बताया गया है, क्योंकि ये कफ, वात और पित्त को शांत करता है। वहीं सफेद नमक हमारे शरीर के लिए ठीक नहीं माना जाता है। आपको बता दे,सेंधा नमक में शरीर के लिए जरूरी सारे तत्व जैसे- लोहा, कैल्शियम, पोटेशियम और जिंक होते हैं। ये आपके शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालता है। अब आपको बता दे, व्रत में नमक इसलिए भी नहीं खाया जाता है क्योंकी लिहाजा नमक न खाने से शरीर में हल्कापन महसूस होता है। ऐसा कहा जाता है कि व्रत के दुराण आपको हल्का खाना खाना चाहिए।