श्रीनगर: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज लेह दौरे पर है। पैंगॉन्ग झील के पास पैरा कमांडोज ने अपनी ताकत दिखाई। पैरा कमांडोज ने युद्ध अभ्यास किया है. पैंगॉन्ग झील वही इलाका है, जहां सबसे पहले भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आए थे। आज भारत पैंगॉन्ग झील के पास अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है।
#WATCH Ladakh: Defence Minister Rajnath Singh inspects a Pika machine gun at Stakna, Leh. pic.twitter.com/MvndyQcN82
— ANI (@ANI) July 17, 2020
पूर्वी लद्दाख में जब भारत और चीन के बीच विवाद शुरू हुआ था, तब आगरा और दूसरी जगहों से पैरा कमांडोज को लद्दाख भेजा गया था। युद्ध के हालात को देखते हुए पैरा कमांडोज की तैनाती की गई थी।
Ladakh: Defence Minister Rajnath Singh, Chief of Defence Staff General Bipin Rawat and Army Chief General MM Naravane at Stakna, Leh. pic.twitter.com/2OUOLyJHwE
— ANI (@ANI) July 17, 2020
पैरा कमांडोज को ऊंची पहाड़ी वाले इलाके जैसे गलवान घाटी, पैंगॉन्ग लेक और दौलत बेग ओल्डी में युद्ध लड़ने के लिए तैनात किया गया था।
#WATCH Indian Army T-90 tanks and BMP infantry combat vehicles carry out exercise at Stakna, Leh in presence of Defence Minister Rajnath Singh, Chief of Defence Staff General Bipin Rawat and Army Chief General MM Naravane. pic.twitter.com/Psc3CJOWok
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भारत और चीन के बीच तनाव कम करने की कोशिश जारी है और चीनी सेना कई इलाकों से पीछे भी हट रही है, लेकिन भारत हर मोर्चे पर तैयार है। दुश्मन के इलाके में ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए पैरा कमांडोज की तैनाती की गई है।
#WATCH Ladakh: Troops of Indian Armed Forces carry out para dropping exercise at Stakna, Leh in presence of Defence Minister Rajnath Singh, Chief of Defence Staff General Bipin Rawat and Army Chief General MM Naravane. pic.twitter.com/TX4eVOkeT0
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इस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने दिखाया जा रहा है कि पैरा कमांडोज कैसे ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं। बताया जा रहा है कि 13 हजार 800 फीट की ऊंचाई से पैरा कमांडोज आज ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। वायुसेना के कई हेलिकॉप्टर पैंगॉन्ग झील के पास मंडरा रहे हैं।
Ladakh: Troops of Indian Armed Forces carry out para dropping exercise at Stakna, Leh in presence of Defence Minister Rajnath Singh, Chief of Defence Staff General Bipin Rawat and Army Chief General MM Naravane. https://t.co/6k8PjTgKKq pic.twitter.com/qC5q03AYQ4
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थल सेना और वायु सेना के बीच बेहतर तालमेल के लिए भी यह ऑपरेशन काफी महत्वपूर्ण है। भारत, चीन को बता रहा है कि हम हर चालबाजी का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ये दौरा कई मायनों में अहम माना जा रहा है। लेह की जमीन से चीन को पीएम मोदी ने साफ शब्दों में कह दिया था कि हिंदुस्तान पर बुरी नजर ड्रैगन को महंगी पड़ने वाली हैं।