प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार यानि आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के महोबा में एलपीजी कनेक्शन सौंपकर उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण (प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना – पीएमयूवाई) का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों से बातचीत की और मजदूरों के लिए एक अहम ऐलान करते हुए कहा कि उन्हें बिना एड्रेस प्रूफ के भी गैस कनेक्शन मिल जाएगा।
इस दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। वहीं पीएम ने उत्तराखंड के देहरादून की बूंदी देवी से भी बातचीत की। बूंदी देवी ने बताया कि कैसे पीएम उज्ज्वला योजना ने उनके जीवन को बदल दिया है।
उज्ज्वला 2.0 के तहत लाभार्थियों को जमा मुक्त एलपीजी कनेक्शन के साथ-साथ पहला रिफिल और हॉटप्लेट निःशुल्क प्रदान किया जायेगा। साथ ही, इसमें नामांकन की प्रक्रिया के लिए न्यूनतम कागजी कार्रवाई की जरूरत होगी। उज्ज्वला 2.0 में प्रवासियों को राशन कार्ड या निवास प्रमाण – पत्र जमा करने की जरूरत नहीं होगी। ‘पारिवारिक घोषणा’ और ‘निवास प्रमाण’, दोनों, के लिए स्वयं द्वारा एक घोषणा पर्याप्त है। उज्ज्वला 2.0 एलपीजी तक सभी की पहुंच के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद करेगी।
ओलंपिक का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा- “मुझे पूरा विश्वास है कि ओलंपिक में हमारे युवा साथियों के अभूतपूर्व प्रदर्शन के बीच खेल रत्न के साथ जुड़ा दद्दा का ये नाम लाखों करोड़ों युवाओं को प्रेरित करेगा. इस बार हमने देखा है कि ओलंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने मेडल तो जीते ही, अनेक खेलों में दमदार प्रदर्शन करके भविष्य का संकेत भी दे दिया है। उन्होंने कहा कि बीते साढ़े 7 दशकों की प्रगति को हम देखते है तो हमें जरूर लगता है कि कुछ स्थितियां, कुछ हालात ऐसे हैं जिनको कई दशक पहले बदला जा सकता था. घर, बिजली, पानी, शौचालय, गैस, सड़क, अस्पताल, स्कूल, ऐसी अनेक मूल आवश्यकताएं हैं जिनकी पूर्ति के लिए दशकों का इंतज़ार देशवासियों को करना पड़ा।
पीएम ने कहा- “हमारी बेटियां घर और रसोई से बाहर निकलकर राष्ट्रनिर्माण में व्यापक योगदान तभी दे पाएंगी, जब पहले घर और रसोई से जुड़ी समस्याएं हल होंगी। इसलिए, बीते 6-7 सालों में ऐसे हर समाधान के लिए मिशन मोड पर काम किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देशभर में करोड़ों शौचालय बनाए गए। बहनों के स्वास्थ्य, सुविधा और सशक्तिकरण के इस संकल्प को उज्ज्वला योजना ने बहुत बड़ा बल दिया है। योजना के पहले चरण में 8 करोड़ गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी परिवारों की बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया. इसका कितना लाभ हुआ है, ये हमने कोरोना काल में देखा है।
पीएम ने कहा कि बुंदेलखंड सहित पूरे यूपी और दूसरे राज्यों के हमारे अनेक साथी, काम करने के लिए गांव से शहर जाते हैं, दूसरे राज्यों में जाते हैं। लेकिन वहां उनके सामने एड्रेस के प्रमाण की समस्या आती है। ऐसे ही लाखों परिवारों को उज्ज्वला 2.0 योजना सबसे अधिक राहत देगी। अब मेरे श्रमिक साथियों को एड्रेस के प्रमाण के लिए इधर-उधर भटकने की ज़रूरत नहीं है। पीएम ने कहा कि बायोफ्यूल एक स्वच्छ ईंधन मात्र नहीं है। बल्कि ये ईंधन में आत्मनिर्भरता के ईंजन को, देश के विकास ईंजन को, गांव के विकास ईंजन को गति देने का भी एक माध्यम है। बायोफ्यूल एक ऐसी ऊर्जा है जो हम घर और खेत के कचरे से, पौधों से, खराब अनाज से प्राप्त कर सकते है।
उज्ज्वला 1.0 से उज्ज्वला 2.0 तक की यात्रा
वर्ष 2016 में शुरू किए गए उज्ज्वला योजना 1.0 के दौरान, गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले परिवारों की 5 करोड़ महिला सदस्यों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था। इसके बाद, अप्रैल 2018 में इस योजना का विस्तार कर इसमें सात और श्रेणियों (अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, पीएमएवाई, एएवाई, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, चाय बागान, वनवासी, द्वीप समूह) की महिला लाभार्थियों को शामिल किया गया। साथ ही, इसके लक्ष्य को संशोधित कर 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन कर दिया गया।
इस लक्ष्य को निर्धारित तिथि से सात महीने पहले अगस्त 2019 में ही हासिल कर लिया गया। वित्तीय वर्ष 21-22 के केन्द्रीय बजट में पीएमयूवाई योजना के तहत एक करोड़ अतिरिक्त एलपीजी कनेक्शन के प्रावधान की घोषणा की गई थी। इन एक करोड़ अतिरिक्त पीएमयूवाई कनेक्शन (उज्ज्वला 2.0 के तहत) का उद्देश्य कम आय वाले उन परिवारों को जमा-मुक्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना है, जिन्हें पीएमयूवाई के पहले चरण के तहत शामिल नहीं किया जा सका था।