नई दिल्ली: डॉ. सुबी चतुर्वेदी, चीफ़ कॉपोरेट एंड पब्लिक अफेयर्स ऑफिसर, जूपी को सामाजिक उत्थान और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए इम्पैक्ट अवार्ड 2021 से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार उत्तर प्रदेश सरकार के एम.एस.एम.इ कैबिनेट मंत्री, श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह व् राज्य ग्रामीण विकास मंत्री, श्री आनंद स्वरुप शुक्ल द्वारा दिया गया.
यह अवार्ड समारोह आईनेक्स्ट द्वारा आयोजित किया गया जिसमे समाज को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाले हुए सामाजिक विकास में योगदान देने वाले प्रभावशाली लोगों को सम्मानित किया गया. इस समारोह में उत्तर प्रदेश के राज्य सरकार, उद्योग जगत और नेशनल मीडिया की गणमान्य हस्तियों ने भाग लिया. डॉ सुबी चतुर्वेदी को राष्ट्र निर्माण, इनोवेशन एंव सामाजिक विकास में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया यह दूसरा बड़ा पुरूस्कार है. उन्हें शिक्षा एंव कौशल के क्षेत्र में इनोवेशन के माध्यम से देश की शर्म शक्ति को भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करने पर विशेष ध्यान दिया है, जिसका वैश्विक और जमीनी स्तर पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ा है.
‘न्यू नॉर्मल’ के इस दौर में समाज को बड़े पैमाने पर सहारा देने की जरूरत के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए, डॉ. सुबी चतुर्वेदी ने कहा, “महामारी की वजह से हम सभी को ऐसी चुनौतियों एवं कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। इस महामारी ने जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया और हम सभी को प्रभावित किया। लेकिन इसने इनोवेशन का अवसर भी प्रस्तुत किया है। हमारे लिए खुद को ‘न्यू नॉर्मल’ के अनुरूप ढालना और आगे बढ़ते रहना जरूरी था। इस दिशा में अपने योगदान के लिए पुरस्कार प्राप्त करके मैं सम्मानित महसूस कर रही हूँ, लेकिन मेरा काम तो अभी शुरू ही हुआ है। अगर हमें 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है और विकास के लिए सबको साथ लेकर चलना है, तो हम सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।”
महामारी का हर क्षेत्र पर बुरा असर पड़ा है, लेकिन इन सभी में शिक्षा एवं कौशल निर्माण तथा समाज के कमजोर तबके के लोगों को सबसे ज़्यादा नुक़सान हुआ है। पिछले दो सालों की अवधि में पढ़ाई करने वाले लगभग 1.6 बिलियन छात्र प्रभावित हुए हैं। इस विषय में, डॉ. सुबी चतुर्वेदी ने आगे कहा कि हमें अपने देश में मौजूद अपरिमित संभावनाओं एवं आर्थिक विकास की क्षमता को बेकार होने से रोकने, और पिछले दशक की प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए सीखने और कौशल में तत्काल सुधार की आवश्यकता है। इस संदर्भ में माननीय प्रधानमंत्री महोदय के हालिया वक्तव्यों को याद करते हुए, उन्होंने भविष्य के कार्यबल को तैयार करने में मदद करने के लिए गेमिंग कंपनियों से ज़ूपी में किए जाने वाले इनोवेशन की तरह ही लर्निंग एवं कौशल-निर्माण को गेम्स की तरह सरल बनाने पर काम करने का आह्वान किया।
डॉ चतुर्वेदी ने भारत में एक कॉर्पोरेट द्वारा कोविड-19 से बचाव के लिए संचालित सबसे बड़े राहत कार्य का नेतृत्व किया है, तथा पहले तीन महीनों में देश की पीपीई सूट की 60% से अधिक आवश्यकता को पूरा किया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के साथ-साथ उद्योग जगत ने समान रूप से उनके इस योगदान की सराहना की। चिकित्सा कर्मियों तथा कोविड-19 से बचाव के कार्य में सबसे आगे मौजूद कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता थी। उनके प्रयासों की वजह से नीति में बदलाव आया, जिसके बाद सभी चिकित्सा अनुदान को करों से मुक्त किया गया, जिससे पूरे उद्योग को लाभ हुआ। उन्हें अलग-अलग टाइम जोन में राहत कार्यों के संचालन के लिए बहु-क्षेत्रीय और अंतर-विभागीय टीमों का नेतृत्व करने के कई अवसर प्राप्त हुए हैं, तथा उन्होंने भारत में वरिष्ठ नौकरशाहों एवं सार्वजनिक उपक्रमों के साथ मिलकर काम करते हुए चीन में 5 से अधिक नीतिगत परिवर्तनों का सफलतापूर्वक मार्गदर्शन किया। सरकार में सबसे वरिष्ठ हितधारकों ने इस परियोजना की भरपूर सराहना की, जिसने इसी तरह की प्रक्रिया के परिणामों को प्रेरित किया और इसे उद्योग जगत द्वारा बड़े पैमाने पर अपनाया गया।
डॉ. सुबी चतुर्वेदी डिजिटल सेवाओं, ऑनलाइन गेमिंग और गेमिफिकेशन क्षेत्रों के लिए उद्योग जगत की एक महत्वपूर्ण आवाज़ के रूप में उभरकर सामने आई हैं। डॉ. सुबी चतुर्वेदी सकारात्मक बदलाव और डिजिटल परिवर्तन की प्रबल समर्थक हैं, जो भारतीय ऑनलाइन गेमिंग और गेमीफिकेशन से संबंधित नीतिगत माहौल एवं अवधारणाओं को आकार देने की दिशा में अथक प्रयास कर रही हैं, ताकि इस उद्योग को पूंजीकरण में मदद मिल सके तथा वैश्विक बाजार में एक नेतृत्वकर्ता के तौर पर भारत की स्थिति और मजबूत हो सके।
वर्तमान में, डॉ. सुबी प्रौद्योगिकी, नीति एवं नेतृत्व में महिलाओं पर FICCI की समिति की अध्यक्ष भी हैं। इससे पूर्व उन्होंने नेट-मुंडियाल इनिशिएटिव के वैश्विक सह-अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है, जो स्नोडेन के खुलासे के बाद दुनिया भर की सरकारों की प्रतिक्रिया थी। वह संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा सीधे तौर पर नियुक्त संयुक्त राष्ट्र इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (MAG) की सदस्य रह चुकी हैं, साथ ही यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल (UKIBC), IGFSA के बोर्ड में शामिल रही हैं। उन्होंने राष्ट्र निर्माण, लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने तथा युवाओं एवं महिलाओं के साथ मिलकर अच्छे कार्यों में टेक्नोलॉजी का उपयोग करने में बहुत योगदान दिया है। इसके अलावा, उन्होंने गेमिंग को सभी के लिए सुलभ बनाने तथा भारत को पूरी तरह से कनेक्टेड और डिजिटल रूप से सशक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में भी अहम योगदान दिया है। उन्होंने बाजार में प्रवेश करने से जुड़ी बाधाओं को सफलतापूर्वक दूर किया है, तथा उद्योग जगत की उन्नति के लिए नीतिगत परिवर्तन लाने में योगदान दिया है। वह महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से प्रतिबद्ध हैं, तथा टेक्नोलॉजी एवं आईसीटी के क्षेत्र में ज्यादा-से-ज्यादा महिला नेतृत्वकर्ताओं की अगली पीढ़ी को आगे लाने की दिशा में बड़े पैमाने पर काम कर रही हैं। वह वैश्विक स्तर पर इंटरनेट गवर्नेंस और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विकासशील देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं मार्गदर्शन करने वाली आवाज़ के रूप में उभरकर सामने आई हैं।