प्रदेश के कई जिलों में हो रहा है बाढ़ से महाविनाश, फिर भी सरकार मना रही “अन्न उत्सव “- कमलनाथ

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भोपाल ।पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने एक बयान में मध्यप्रदेश में 7 अगस्त को मनाये जाने वाले “ अन्न उत्सव “ पर सवाल उठाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग सहित कई जिले भीषण बाढ़ की चपेट में है ,1250 से अधिक गांव अभी भी इस भीषण बाढ़ की चपेट में है , कई लोगों की जान इस बाढ़ के कारण जा चुकी है , हजारों लोग अभी भी इस भीषण बाढ़ में फंसे हुए हैं ,कई गांव का सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है , कई बडे-छोटे पुल-पुलिया बह चुके हैं ,क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई सड़कें उखड़ चुकी है ,ध्वस्त हो चुकी है।

कई मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके है ,फसलें बर्बाद हो गई है ,पशु हानि हो चुकी है ,लोगों की गृहस्थी का पूरा सामान इस बाढ़ के पानी में बह चुका है ,लोगों के आंसू नहीं थम रहे हैं , लोगों का सब कुछ बर्बाद हो चुका है , आज पूरा देश हमारे प्रदेश में आयी इस भीषण बाढ़ से चिंतित है और ख़ुद को संवेदनशील बताने वाली प्रदेश की शिवराज सरकार प्रदेश में कल 7 अगस्त को भव्य तरीके से “अन्य महोत्सव “ मनाने की तैयारियों में जुटी हुई है ? राशन दुकानो को ग़ुब्बारे लगाकर , भव्य तरीक़े से होर्डिंग- पोस्टर लगाकर सजाया जा रहा है।

लोगों को निमंत्रण बाँटे जा रहे है , प्रभातफेरियाँ निकाली जा रही है , पूरी सरकार इस आयोजन की तैयारियों में लगी हुई है ? वही दूसरी तरफ़ प्रदेश का बड़ा हिस्सा बाढ़ की चपेट में है ? अभी आवश्यकता है बाढ़ में फँसे हज़ारों लोगों के जीवन को बचाने की , राहत व बचाव कार्यों में तेज़ी लाने की , लोगों के रहने, खाने-पीने की व्यवस्था करने की , लोगों के स्वास्थ्य की , लोगों को राहत प्रदान करने की, आधारभूत संरचनाओं के पुनर्निर्माण की ? शिवराज जी ख़ुद कह रहे हैं कि मैंने 70 साल में ऐसी विभीषिका नहीं देखी ,यह महाविनाश है , हज़ारों करोड़ रुपये की आधारभूत संरचनाएँ नष्ट हो चुकी है।

एक तरफ़ वह कह रहे हैं कि मैं दिल्ली संसदीय बोर्ड की बैठक छोड़कर चला आया ,मैंने अपने सभी कार्यक्रम -बैठक तक निरस्त कर दी क्योंकि मुझे राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करना है और दूसरी तरफ कल प्रदेश में भव्य तरीके से मनाए जाने वाला यह उत्सव सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर कर रहा है ? इस भीषण आपदा को देखते हुए राशन का वितरण सादगी से भी किया जा सकता है ? लेकिन इस अन्न उत्सव के बहाने भाजपा का प्रचार-प्रसार व ब्रांडिंग का काम किया जा रहा है ? राशन के बैग पर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के फोटो लगाकर खुद का प्रचार -प्रसार किया जा रहा है व इस प्रचार-प्रसार पर करोड़ों रुपए लुटाए जा रहे हैं।

सरकार चाहती तो बगैर किसी कार्यक्रम के भी सादगी से गरीबों में राशन वितरित कर ,करोड़ों रुपए की फ़िज़ूल खर्ची को रोक सकती थी लेकिन शिवराज सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में प्रदेश के ख़ज़ाने को इसी प्रकार आयोजन , अभियान , ख़ुद के प्रचार-प्रसार , ब्रांडिंग के नाम पर लुटाकर प्रदेश को करोड़ों के क़र्ज़ के दलदल मे धकेला है ? नाथ ने कहा प्रदेश में गरीबों को पीडीएस के जरिये जानवरों के खाने लायक चावल व सडे गेहूं का वितरण करने वाली शिवराज सरकार पता नहीं किस मुंह से आज गरीब कल्याण की आज बात कर रही है।

जिस शिवराज सरकार की नाकारापन व लापरवाही के कारण प्रदेश में खुले में रखा हजारों टन अनाज बारिश में भीग कर हर वर्ष खराब व बर्बाद हो जाता है ,जो समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं को बेचने के नाम पर भी फर्जीवाड़ा करने का प्रयास कर रही है , वह किस मुंह से आज अन्न उत्सव मना रही है ? नाथ ने कहा कि जो भाजपा सत्ता में आने के पहले गरीबी हटाओ का नारा देती थी , अपनी सरकार आने पर गरीबी दूर करने का ज़ोर-शोर से वादा करती थी।

बड़े शर्म की बात है कि वह भाजपा आज देश भर में 80 करोड़ लोगों को व मध्यप्रदेश में 5 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन देने का आज ढिंढोरा पीट रही है ? इसी से समझा जा सकता है कि आज भाजपा की सरकार में देश और प्रदेश की क्या स्थिति है , आज गरीबी का आंकड़ा कहां पहुंच चुका है ? 7.5 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में 5 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन बाटने की बात कहने वाली शिवराज सरकार ने आज प्रदेश को किस स्थिति में ला खड़ा कर दिया है ? प्रदेश की जनता आज इस सच्चाई को खुली आँखो से देख रही है।

नरेन्द्र सलूजा