संत आशारामजी बापू आश्रम इंदौर में बड़ी संख्या में आयें श्रद्धालुओं ने गुरुपूर्णिमा महोत्सव मनाया। गुरुपूर्णिमा के निमित्त आश्रम में सुबह 6 बजे से गुरु-वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। भारी बरसात में भी दूर-दूर से आये भक्तों ने गुरु-पादुका पूजन, मानस गुरु-पूजन एवं प्रार्थना की और अपने गुरुदेव के शीघ्र दर्शनप्राप्ति हेतु जप-संकल्प किया। सत्संग भवन सहित पूरा आश्रम भक्तों की भीड़ से भरा रहा । अपने गुरुदेव को मन-ही-मन याद करते हुए भक्त भाव-विभोर होते नजर आये।
श्रद्धालुओं को प्रत्येक वर्ष गुरुपूर्णिमा के अवसर पर बापूजी द्वारा सेवा-साधना का नया पाठ मिलता था, लगातार 8 वर्षों से बापूजी के प्रत्यक्ष दर्शन व सत्संग का सान्निध्य नहीं मिलने से श्रद्धालु व्यथित थे। उनका कहना था कि अपराध करनेवाले को जमानत मिल जाती है वहीं करोड़ों के जीवन में संयम-सदाचार जैसे अनेक दैवी गुणों को लानेवाले बापूजी को जमानत तक नहीं मिल रही है। उन्होंने सरकार व न्यायपालिका से अपील की है कि निर्दोष बापूजी को जल्द-से-जल्द रिहा कर करोड़ों व्यथित हृदयों को सांत्वना प्रदान करें । श्रद्धालुओं ने बापू द्वारा सिखाये गये परोपकार, संयम, सदाचार, कर्तव्यपालन, संस्कृतिरक्षा, गौ-सेवा, समाज-सेवा के आदर्शों पर और आगे बढ़ने का संकल्प लिया। पूज्य बापूजी के उत्तम स्वास्थ्य के लिए सभी ने जप, संकल्प भी किया।
इस अवसर पर सुखी, स्वस्थ व सम्मानित जीवन के गुण सिखानेवाली आश्रम से प्रकाशित मासिक पत्रिका ‘ऋषि प्रसाद की 31वीं जयंती भी मनाई गयी। ऋषि प्रसाद को घर-घर पहुँचानेवालों सेवाधारियों ने बताया कि इस पत्रिका को पढ़नेवाले लाखों पाठकों के जीवन में खुशहाली आयी है व परिवार में माहौल सुख-शांतिप्रद हुआ है। ट्विटर के माध्यम से पाठकों ने ऋषि प्रसाद पत्रिका की विशेषताओं को जनमानस तक पहुँचाया। ट्विटर पर #GuruPurnima2021 एवं #गुरुपूर्णिमा यह हैशटैग देश के टॉप ट्रेंड्स में छाया रहा। देश- विदेश में फैले बापू के भक्तों ने गुरुपूर्णिमा के निमित्त सोशल मीडिया के माध्यम से अपने सदगुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। आश्रम द्वारा आगंतुको के लिए कोविड महामारी को देखते हुए सेनीटायजर, मास्क एवं सोशल डिस्टेंस आदि की व्यवस्था भी की गई थी सभी लोगों ने covid नियमों का पालन कर पर्व मनाया।।
देश-विदेश के संत श्री आशारामजी आश्रमों में गुरुपूजन, जप, ध्यान, सत्संग-श्रवण, पादुका-पूजन, गरीबों को भोजन व जीवनोपयोगी सामग्री वितरण आदि करके गुरुपूर्णिमा महोत्सव मनाया गया।