दिल्ली : केंद्रीय कपड़ा, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने आज यहां कपड़ा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कपड़ा मंत्रालय द्वारा की गई पहल की गहन समीक्षा की। इस दौरान कपड़ा राज्य मंत्री दर्शना जरदोश भी उपस्थित थीं। बैठक में कपड़ा सचिव यू. पी. सिंह, अपर सचिव वी. के. सिंह, संयुक्त सचिव, उपायुक्त हस्तशिल्प और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। वी. के. सिंह ने पूरे कपड़ा क्षेत्र का विवरण देते हुए एक विस्तृत प्रस्तुति दी। मंत्री को भारतीय कपड़ा क्षेत्र की व्यापक रूपरेखा के बारे में जानकारी दी गई।
उन्हें यह बताया गया कि कपड़ा भारत के सबसे पुराने उद्योगों में से एक है और इसका इतिहास सदियों पुराना है। यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 2.3 प्रतिशत, औद्योगिक उत्पादन में 7 प्रतिशत और निर्यात आय में 12 प्रतिशत का योगदान करता है। कपड़ा उद्योग 4.5 करोड़ से अधिक लोगों को (प्रत्यक्ष) रोजगार देता है जो कुल रोजगार का 21 प्रतिशत है। भारत 6 प्रतिशत वैश्विक हिस्सेदारी (12 प्रतिशत सीएजीआर) के साथ तकनीकी वस्त्रों का छठा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। साथ ही यह दुनिया में कपास और जूट का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। कपास उत्पादन 58 लाख किसानों और संबद्ध क्षेत्रों में 4 से 5 करोड़ लोगों का समर्थन करता है।
भारत दुनिया में रेशम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश भी है और दुनिया में हाथ से बुने हुए 95 प्रतिशत कपड़े भारत से आते हैं पीयूष गोयल ने इस अवसर पर कहा कि स्थानीय कारीगरों और घरेलू उद्योग की उत्पादकता को बढ़ाकर हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि कपड़ा क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं और इसे नवाचारों, नवीनतम प्रौद्योगिकी तकनीकों एवं सुगमताओं का उपयोग करके भुनाया जाना चाहिए। मंत्री ने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि इस क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि होगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे कपड़ा क्षेत्र में कार्यरत लोगों की आय बढ़ाने, हथकरघा की गुणवत्ता को बेहतर करने और कपड़ा क्षेत्र से बाल श्रम को खत्म करने के लिए आवश्यक उपाय करें।