राशि परिवर्तन: शुक्र ग्रह का सिंह राशि में प्रवेश, सुखदमय होने वाला है इन जातकों का जीवन

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सभी प्राणियों के जीवन में सुख और समृद्धि प्रदान करने वाले महान ग्रह शुक्र 17 जुलाई को सुबह 9 बजकर 23 मिनट पर कर्क राशि की यात्रा समाप्त करके सिंह राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इस राशि पर ये 11 अगस्त को दोपहर 11 बजकर 32 मिनट तक गोचर करेंगे। उसके बाद कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे। किसी भी जातक की जन्मकुंडली में यदि शुक्र बलवान हों तो वह जीवन के सभी जन्मकुंडली में शुक्र कमजोर अथवा अशुभ हों तो छोटी-छोटी चीजों की प्राप्ति के लिए भी उसे संघर्ष करना पड़ता है।

जन्मकुंडली में भौतिकता के कारक ग्रह शुक्र ही हैं। फिल्म उद्योग, सुगंधित पदार्थों, भोग-विलास, वस्त्र आभूषण, गायन, नृत्य, संगीत तथा सभी रचनात्मक कार्यों में शुक्र की विशेष भूमिका रहती है। भूमि, भवन, वाहन आदि की प्राप्ति पर भी इनके प्रभाव का सीधा असर पड़ता है। सिंह राशि पर गोचर करने की अव ऐश्वर्य का सुख भोगता है। धि के मध्य अन्य राशियों पर इनका कैसा प्रभाव पड़ेगा इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं।

मेष राशि
राशि से पंचम विद्या भाव में गोचर कर रहे शुक्र आप में क्रियात्मक शक्तियों की भरमार कर देंगे। विद्यार्थियों एवं प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों के लिए तो यह गोचर किसी वरदान से कम नहीं है। परीक्षा में आशातीत सफलता मिलेगी। संतान के दायित्व की पूर्ति होगी। नव दंपत्ति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के भी योग। प्रेम संबंधी मामलों में प्रगाढ़ता आएगी। प्रेम विवाह भी करना चाह रहे हों तो अवसर अनुकूल रहेगा। धन और ऐश्वर्य की भी प्राप्ति होगी।

वृषभ राशि
राशि से चतुर्थ सुख भाव में गोचर करते हुए शुक्र का प्रभाव आपको अच्छी सफलता दिलाएगा। जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों का निपटारा होगा। मकान अथवा वाहन का क्रय करना चाह रहे हों तो भी अवसर अनुकूल रहेगा। मित्रों तथा संबंधियों से सुखद समाचार प्राप्ति के योग। विदेशी कंपनियों में सर्विस अथवा नागरिकता के लिए किया गया प्रयास सफल रहेगा। माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें। कोई भी कार्य जब तक पूर्ण न कर लें उसे सार्वजनिक न करें।

मिथुन राशि
राशि से तृतीय पराक्रम भाव में गोचर करते हुए शुक्र कई तरह के अप्रत्याशित परिणाम देंगे। साहस पराक्रम की वृद्धि तो होगी ही आपके द्वारा लिए गए निर्णय और किए गए कार्यों की सराहना भी होगी। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों तथा भाइयों से मतभेद न पैदा होने दें। नौकरी में पदोन्नति तथा मान-सम्मान की वृद्धि होगी। व्यापारियों के लिए समय अपेक्षाकृत और बेहतर रहेगा। परिवार में मांगलिक कार्यों का सुअवसर आएगा। विवाह से संबंधित वार्ता भी सफल रहेगी।

कर्क राशि
राशि से द्वितीय धन भाव में गोचर करते हुए शुक्र का प्रभाव आपके लिए आर्थिक पक्ष मजबूत करेगा। आकस्मिक धन प्राप्ति के योग और काफी दिनों का दिया गया धन भी वापस मिलने की उम्मीद। अपनी नेतृत्व शक्ति एवं वाणी कुशलता के बल पर कठिन हालात को भी आसानी से नियंत्रित कर लेंगे। पारिवारिक तथा सामाजिक जिम्मेदारियां बढ़ेंगी जिसका बखूबी निर्वहन करने में सफल रहेंगे। स्वास्थ्य की दृष्टि से पाचनतंत्र, ह्रदय तथा नेत्र संबंधी विकार से बचें।

सिंह राशि
आपकी राशि में गोचर करते हुए शुक्र के शुभ प्रभाव के परिणामस्वरूप आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा। सामाजिक कद बढ़ेगा जहां जाएंगे आपके चाहने वालों की भी लग जाएगी। ऐसे में कोई भी बड़ा से बड़ा निर्णय लेना हो अथवा किसी नए अनुबंध पर हस्ताक्षर करना हो तो ग्रह-गोचर अति अनुकूल रहेगा। विवाह संबंधित वार्ता सफल रहेगी। दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी। जमीन जायदाद से जुड़े कार्य संपन्न होंगे। मकान अथवा वाहन के भी क्रय का योग।

कन्या राशि
राशि से बारहवें व्यय भाव में गोचर करते हुए शुक्र आपके जीवन में भागदौड़ की अधिकता लाएंगे। विलासिता पूर्ण वस्तुओं पर अधिक खर्च होगा। शिक्षा प्राप्ति के लिए विदेश जाने का प्रयास कर रहे हों तो सफल होंगे। विदेशी कंपनियों में सर्विस अथवा नागरिकता के लिए भी किया गया प्रयास सफल रहेगा। प्रेम संबंधी मामलों में अस्थिरता रहेगी। भावनाओं में बहकर लिया गया कोई भी निर्णय नुकसान देय सिद्ध हो सकता है अतः हर कार्य तथा निर्णय बहुत सावधानी पूर्वक करें।

तुला राशि
राशि से एकादश लाभ भाव में गोचर करते हुए शुक्र का शुभ प्रभाव आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों में प्रतीक्षित कार्यों का निपटारा होगा। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों तथा भाइयों से भी सहयोग की उम्मीद। शासन सत्ता का भी पूर्ण सहयोग मिलेगा। चुनाव संबंधित कोई भी निर्णय लेना चाह रहे हों तो उसमें भी सफल रहेंगे। संतान संबंधी चिंता से मुक्ति मिलेगी। नव दंपत्ति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के भी योग।

वृश्चिक राशि
राशि से दशम कर्म भाव में गोचर करते हुए शुक्र का प्रभाव व्यापारियों के लिए बेहतरीन लाभदायक रहेगा। नए व्यापार आरंभ करने हो अथवा नए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने हों तो उस दृष्टि से भी अवसर अनुकूल रहेगा। शासन सत्ता का पूर्ण सहयोग मिलेगा। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों में टेंडर आदि का आवेदन करना चाह रहे हों तो उसमें भी सफल रहेंगे। माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें। जमीन जायदाद से जुड़े मामलों का निपटारा होगा।

धनु राशि
राशि से नवम भाग्य भाव में गोचर करते हुए शुक्र का प्रभाव शुभ ही रहेगा। धर्म एवं आध्यात्म के प्रति रुचि बढ़ेगी। पूर्वके जन्म में किए गए शुभ-अशुभ कर्मों के परिणाम भी सामने आएंगे। यात्रा-देशाटन का लाभ मिलेगा। विद्यार्थियों एवं प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों के लिए ग्रह गोचर और अनुकूल रहेगा। लिएगए निर्णय और किएगए कार्यों की सराहना होगी। सामाजिक पद प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। अपनी रणनीतियों तथा योजनाओं को गोपनीय रखेंगे तो अधिक सफल रहेंगे।

मकर राशि
राशि से अष्टम आयु भाव में गोचर करते हुए शुक्र का प्रभाव मिश्रित परिणाम वाला रहेगा। स्वास्थ्य के प्रति तो सावधान रहना ही होगा, कार्यक्षेत्र में भी षड्यंत्र का शिकार होने से बचें। बेहतर रहेगा कि कोर्ट कचहरी से जुड़े मामले भी बाहर ही सुलझाएं। समाज में मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी यह भी संभव है कि आपके लिए किसी नए सामाजिक पुरस्कार की घोषणा भी हो। विद्यार्थियों के लिए समय थोड़ा कठिन रहेगा इसलिए परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए और प्रयास करें।

कुंभ राशि
राशि से सप्तम दांपत्य भाव में गोचर करते हुए शुक्र का प्रभाव बेहतरीन सफलता दिलाने वाला सिद्ध होगा। कार्य व्यापार में तो उन्नति होगी ही किसी भी तरह के सरकारी विभाग में प्रतिक्षित कार्य संपन्न होंगे। भावनाओं में बहकर लिया गया निर्णय नुकसानदेय सिद्ध हो सकता है। प्रेम संबंधी मामलों में प्रगाढ़ता आएगी। प्रेम विवाह भी करना चाह रहे हों तो अवसर अनुकूल रहेगा। संतान संबंधी चिंता से मुक्ति मिलेगी। नवदंपति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के योग।

मीन राशि
राशि से छठे शत्रु भाव में गोचर करते हुए शुक्र का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जाएगा। कार्य-व्यापार में जितनी मेहनत करेंगे उतना लाभ नहीं हो पाएगा। गुप्त शत्रु भी बढ़ेंगे। अपने ही लोग नीचा दिखाने की कोशिश और षड्यंत्र में से पीछे नहीं हटेंगे। झगड़े-विवाद से दूर ही रहें और कोर्ट कचहरी के मामले भी बाहर ही सुलझाएं। स्वास्थ्य के प्रति भी अधिक चिंतनशील रहने की आवश्यकता है। इस अवधि के मध्य आमदनी पर अधिक प्रभाव पड़ेगा। खर्च की भी अधिकता रहेगी।