इंदौर। बिजली प्रदान करने वालों फीडरों की ट्रिपिंग में और कमी आना चाहिए, इससे आपूर्ति में गुणात्मक एवं आदर्श स्थिति की तरह सुधार नजर आएगा। प्रति यूनिट नकद राजस्व संग्रहण(सीआरपीयू) में भी सतत बढ़ोत्तरी होना चाहिए। अच्छी आपूर्ति एवं बिजली बिल राशि की लक्ष्य के अनुरूप वसूली हर हाल में होना चाहिए।
उक्त निर्देश मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने दिए। वे शनिवार की दोपहर बिजली इंजीनियरों की मासिक समीक्षा बैठक में निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार, ऊर्जा विभाग, बिजली कंपनी, बिजली बोर्ड के रेटिंग कर रही है, इसलिए हमें सारे ही मापदंडों पर खरा उतरना है। अच्छी आपूर्ति के साथ ही राजस्व संग्रहण में भी सतत बढ़ोत्तरी की स्थिति लाना है। प्रबंध निदेशक तोमर ने कहा कि मेंटेनेंस गुणवत्ता के साथ होना चाहिए, ताकि एक बार कार्य होने पर बाद में आपूर्ति में परेशानी न आए। इससे उपभोक्ता सेवा की बेहतरी और संतुष्टि में बढ़त होगी। उन्होंने कहा कि इंदौर, रतलाम शहरों की तरह उज्जैन, देवास, खंडवा, बुरहानपुर आदि बड़े शहरों का सीआरपीयू सतत बढ़त की स्थिति में होना चाहिए। तोमर ने विजिलेंस चैकिंग की गतिविधियों में भी बढ़ोत्तरी करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि शहरी उपभोक्ताओं के यहां शत प्रतिशत मीटर लगे है, यदि कोई मीटर खराब हो जाए तो उसे अगले बिल जारी होने के पहले बदला जाना चाहिए। तोमर ने आगर एवं धार में क्यूआर कोड की मदद से मीटर रीडिंग में लापरवाही बरतने पर प्रसन्नता भी जताई। उन्होंने इंदौर सिटी वेस्ट एवं सेंट्रल, खंडवा, बुरहानपुर सिटी, जावरा, आलोट, धार, बदनावर में ट्रांसफार्मर का फेल रेट ज्यादा होने पर तुरंत उपाय के निर्देश दिए। सीआरपीयू एवं ट्रांसफार्मर फेल रेट मामले में सतत समीक्षा होगी। तोमर ने कहा कि जुलाई में हमें लक्ष्य के अनुरूप राजस्व संग्रहण के लिए कम से कम 35 लाख उपभोक्ताओं तक पहुंचना है। इसके लिए माह के पहले सप्ताह से ही जुट जाए। बैठक में मुख्य महाप्रबंधक संतोष टैगोर, निदेशक मनोज झंवर, कार्यपालक निदेशक संजय मोहासे, गजरा मेहता, मुख्य अभियंता कैलाश शिवा, एसआर बमनके, एसएल करवाड़िया, शहर अधीक्षण यंत्री कामेश श्रीवास्तव, ग्रामीण अधीक्षण यंत्री डीएन शर्मा आदि ने अपने क्षेत्र की कार्ययोजना बताई।