आदरणीय रामसिंह शेखावत जी ने इतिहास का सत्यान्वेषण किया, वे राष्ट्रवाद के लिए जीवन भर जियें

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सतीश जोशी
भारत के इतिहास को सही परिप्रेक्ष्य मे समाज के सामने लाने वाले राष्ट्रवादी विचारक, चिन्तक, पत्रकार आदरणीय रामसिंह जी शेखावत नहीं रहे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आधार स्तंभ रहे, इदौर में। मल्हारगंज इंदौर में वे हमारे बिलकुल सामने रहते थे। आपातकाल में इंदिरा शासन में उन पर बहुत अत्याचार हुए, पर वे न झुके, न रुके और संघर्ष जारी रखा।
राष्ट्रवादी विचार के लिए वे जियें, इतिहास के साथ नेहरूवादी, वामपंथी षडयंत्रकारियो ने जो कुछ किया, उसकी सारी परतें खोलकर उन्होंने सही इतिहास सबके सामने रखा। इतिहास को लिपिबद्ध किया। अत्याचारी मुगलों के घोर कट्टरवाद पर उन्होंने सत्यान्वेषण किया। अकबर महान की बखिया उधेड़ दी। उन्होंने बाबर, औरंगजेब से लेकर अंतिम बादशाहों तक पर प्रमाण के साथ लिखा।
मराठा, मौर्य, गुप्तवंश, राजपूतों के शौर्य पर सही प्रकाश डाला। गद्दारों पर खूब प्रहार किए। स्वतंत्रता आंदोलन, 1857 की क्रान्ति और स्वतंत्रता आंदोलन को कांग्रेस ने अंग्रेजों के साथ मिलकर कैसे कब्जा किया उस पर भी खूब अनुसंधान किया। वे बेबाक, सटिक और सपाट लिखने वाले कर्मवीर थे। राष्ट्रवादी ज्वाला उनके ह्रदय में धधकती रही। वे इंदौर में गांधीवाद, वामपंथ विचारकों के साथ समाजवादी आंदोलन के विचारकों से स्वस्थ विचार मंथन के लिए जाने जाते थे। उन पर बहुत कुछ लिखा जा सकता है। वे मेरे आदर्श थे। मुझ पर राष्ट्रवादी विचार का अंकुरण करने वाले वे पहले संरक्षक थे, उनको सादर नमन करता हूँ। मेरी, जोशी परिवार की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।