नई दिल्ली: लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर गहरा रहे तनाव को देखते हुए भारतीय सेना पूरी तरह से अलर्ट है। सेना चीन को हर तरह से जवाब देने के लिए तैयार है। हालांकि भारत ने चीन के सामने बातचीत का रास्ता भी खुला रखा है। इसी तनातनी के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे दो दिन से लद्दाख में थे।
सेना प्रमुख के लद्दाख दौरे के महज एक दिन बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारतीय सशस्त्र बलों ने वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम को सीमा पर तैनात किया है। पिछले कुछ हफ्तों में, चीनी बलों के सुखोई-30 जैसे विमान को भारतीय सीमा से महज 10 किलोमीटर दूर उड़ते देखा गया है।
चीन की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए भारत ने एयर डिफेंस मिसाइल को सीमा पर तैनात करने का फैसला लिया है। इसके लिए हवा में बहुत तेज चलने वाले लड़ाकू विमान, ड्रोन को उतारा जा सकता है। उच्च पहाड़ी क्षेत्र में यह मिसाइल पूरी तरह से काम कर सके इसके लिए इसमें कई तरह के संशोधन किए गए हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चल रहे बिल्ड-अप के हिस्से के रूप में भारतीय थल सेना और भारतीय वायुसेना दोनों की वायु रक्षा प्रणालियों को चीनी वायु सेना के लड़ाकू जेट या पीपुल्स लिबरेशन आर्मी हेलीकॉप्टरों द्वारा किसी भी दुस्साहस को रोकने के लिए लद्दाख सेक्टर में इसे तैनात किया गया है।