कोरोना महामारी के बीच टीकाकरण का कार्य देशभर में लगातार जारी है. वहीं देश के ग्रामीण इलाकों में वैक्सीन को लेकर उपजे डर, अंधविश्वास और अफवाहें इस अभियान को खटाई में डाल सकतीं हैं. सरकार दिसंबर तक भारत की पूरी वयस्क आबादी का टीकाकरण करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, लेकिन जमीन पर हालात अलग हैं. कई ग्रामीण इलाकों के लोग इस अभियान का विरोध कर रहे हैं. टीकाकरण के कारण होने वाले दुष्प्रभाव और डोज लेने के बाद भी मौतों की रिपोर्ट ने अफवाहों को और हवा दी है कि कोविड वैक्सीन घातक है.
शेरगढ़ गांव के सरपंच प्रतिनिधि मदन सिंह ने कहा, “वह (मुन्नी देवी) देवताओं को प्रसन्न करने के लिए अनुष्ठान करती थी, उसने सोचा कि देवता उसे बचा लेंगे और टेस्ट के लिए नहीं गए. उसके बाद उसकी स्थिति बिगड़ गई.” बता दें कि शेरगढ़ ब्लॉक में कोविड के कारण 80 से अधिक मौतें हुई हैं, लेकिन यहां टीकाकरण अभियान का लोग अभी भी विरोध कर रहे हैं.