कोरोना महामारी में गंगा किनारे ही रेत में सैकड़ों शवों को दफनाया दिया गया था. तेज हवा और बारिश के चलते दफनाए गए शवों पर से रेत हटी और शव दिखने लगे. इसके बाद नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा रेत में से बाहर आए शवों को दूसरी जगह शिफ्ट करके इनपर बालू डाला जा रहा है, ताकि कुत्ते इन शवों को न नोचें.
करीब दर्जनभर शवों को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया गया है. ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि कई कब्रों के आधे बह जाने से उनमें दफनाए गए शवों से गंगा के प्रदूषित होने का खतरा था. साथ ही शवों को कुत्तों व दूसरे जानवरों द्वारा नुकसान पहुंचाए जाने की भी आशंका थी.
बता दें कि सरकारी अमले ने निरीक्षण में पाया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से हो रही मिट्टी की कटान के चलते कई कब्रें आधी बह गई हैं और उनमें दफनाए गए शव गंगा की लहरों को छूने लगे हैं. लगातार मिट्टी की कटान होने से कुछ और शव कब्र से बाहर निकलकर गंगा में न लटकने लगे, इसके लिए अब पुलिस और प्रशासन की टीमें लगातार नाव के जरिए गंगा के तटों का निरीक्षण कर रही हैं. यहां प्रशासन, राजस्व और पुलिस की टीमों के साथ ही एसडीआरएफ की टीमें भी लगातार गश्त करती हुई नजर आ रही हैं.