राजस्थान की गहलोत सरकार लॉकडाउन में पेट्रोल-डीजल से राजस्व में आई कमी को पूरा करने के लिए अब वह पान मसाला, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट और गुटका पर शुल्क लगाने जा रही है। इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर राज्य के वित्त विभाग में प्रस्ताव तैयार किया गया है। अब जल्द ही इस फैसले को हरी झंडी मिल सकती है। जल्द ही पान-मसाला, बीड़ी, सिगरेट और गुटखा महंगा होने वाला है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार के इस फैसले से कोरोना काल में प्रदेश में महंगे दामों पर बेचे जा रहे पान-मसाला, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू तथा गुटखों के दामों में और उछाल आएगा।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान आम वाहन संचालकों के लिए पेट्रोल और डीजल भरवाने का समय सुबह 6 से 12 बजे तक तय किया गया है। इस वजह से सरकार के खजाने को खासी चपत लगी है। ऐसे में सरकार की वित्तीय हालत और भी खराब हो गई है। इसलिए अब सरकार ये बड़ा फैसला लेने जा रही है। दरअसल, राज्य में पिछले साल लॉकडाउन की अवधि के बाद पान-मसाला, गुटखा, तंबाकू, बीड़ी और सिगरेट पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था और शर्तों के साथ इनकी बिक्री की अनुमति प्रदान की गई थी।
जानकारी के अनुसार, वित्त विभाग ने आवागमन शुल्क से 400 करोड़ राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है। ऐसे में प्रदेश में 10 मई से 24 मई तक लॉकडाउन लागू रहा। जिसके बाद राज्य सरकार ने लॉकडाउन की अवधि 8 जून तक के लिए बढ़ा दी है। वहीं इस अवधि के दौरान पेट्रोल और डीजल से आने वाले राजस्व में भारी कमी आई है। ऐसे में इस कमी की भरपाई पूरी करने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर वित्त विभाग ने यह कार्य योजना बनाई है। प्रदेश में लॉकडाउन के बीच पान-मसाला, बीड़ी, सिगरेट और तम्बाकू की जमकर कालाबाजारी हो रही है।