प्रबंधन में कार्यकारी स्नातकोत्तर कार्यक्रम (ईपीजीपी/Executive Post Graduate Programme in Management) का तेरहवां बैच 24 मई, 2021 को ऑनलाइन मोड में आईआईएम इंदौर में शुरू हुआ। आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रोफेसर हिमाँशु राय ने सत्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के एम.डी. और सीईओ राजकिरण राय जी मुख्य अतिथि थे। प्रोफेसर प्रबीन पाणिग्रही, चेयर, ईपीजीपी, आईआईएम इंदौर के संकाय सदस्यों, और सभी पंजीकृत प्रतिभागियों ने वर्चुअल उद्घाटन में भाग लिया।
राजकिरण राय जी ने अपने संबोधन में प्रतिभागियों के साथ छह सफलता मंत्र साझा किए जो उन्हें अपने नेतृत्व कौशल को बढ़ाने और समाज की जरूरतों को समझने और समस्याओं के समाधान खोजने में मदद करेंगे। प्रतिभागियों को जिज्ञासु बने रहने और स्वयं से अपेक्षाएं रखने के लिए प्रोत्साहित करते हुए राय ने कहा, ‘हमेशा कुछ सीखने, नया करने और नया सोचने के लिए उत्सुक रहें। अपने आप से अपेक्षाएं रखें, क्योंकि वे हमें उच्च लक्ष्य, सपने देखने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करती हैं।’
उन्होंने प्रतिभागियों को सलाह दी कि वे वह मार्ग चुनें जिसपर अन्य कोई पहले आगे न बढ़ा हो, जिस मार्ग को किसी और ने तय न किया हो, किसी भी तरह के डर को स्वयं पर हावी न होने दें और जोखिम लेने और खुद का रास्ता बनाने का साहस जुटाएं । ‘आपको विपरीत परिस्थितियों के बीच भी खुद को संभालनेकी जरूरत है, इसलिए सुनिश्चित करें कि जब स्थितियां लाभकारी न हो, तो भी आप हार न मानें।
अपने साथियों, सहकर्मियों, मित्रों और परिवार के साथ मजबूत संबंध बनाएं; क्योंकि ये रिश्ते आपके दीर्घकालिक निवेश हैं और आपकी सबसे मजबूत समर्थन प्रणाली हैं’, उन्होंने कहा। उन्होंने प्रतिभागियों को एक दयालुबनकर एक बेहतर समाज और एक स्वस्थ दुनिया बनाने के लिए अपने ज्ञान और सीखने को साझा करने की सलाह दी ।
प्रोफेसर हिमाँशु राय ने बताया कि आईआईएम इंदौर का मिशन है प्रतिभागियों को सामाजिक रूप से जागरूक लीडर और मैनेजर बनाना, विश्व स्तरीय पाठ्यक्रम प्रदान करना और प्रासंगिक रहना; और ईपीजीपी इसी मिशन के मद्देनज़र प्रारंभ किया गया था । उन्होंने प्रतिभागियों को एक ऐसी दुनिया की परिकल्पना करने के लिए प्रोत्साहित किया जिसमें वे रहना चाहते हैं, और अपने लिए उस दुनिया को बनाने के लिए एक कदम उठाएं।
‘अपने उद्देश्य को पहचानें, क्योंकि यह आपको खुशी पाने में मदद करता है और संतुष्टि की भावना भी देता है। आप जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते हैं, लेकिन अगर आपकी उपलब्धि आपके उद्देश्य के अनुरूप नहीं है, तो यह आपको खोखला महसूस कराएगा’, उन्होंने कहा। उन्होंने प्रतिभागियों को न केवल भावुक होने की, बल्कि करुणा भी रखने की सलाह दी।
‘जब आप कुछ हासिल करते हैं, तो याद रखें कि आपके सपने को हासिल करने में आपकी मदद करने के लिए कई लोग हैं जिन्होंने आपके लिए प्रयास किये हैं । इसलिए, याद रखें कि सफलता सिर्फ आपकी नहीं है; और जब भी आपको अवसर मिले, अपने आसपास के लोगों के लिए कुछ करें-यह आपके जीवन को अर्थपूर्ण बनाता है। लगातार परिश्रम करें, दृढ़ता रखें और विनम्र रहें’, उन्होंने कहा ।
उद्घाटन समारोह का समापन प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ। नए बैच में विभिन्न पृष्ठभूमियों से औसतन 8.7 वर्षों के कार्य अनुभव वाले 57 प्रतिभागी शामिल हैं।