भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के शुरूआती दिनों में कोविड प्रबंधन समिति को पूरी तरह पुनरीक्षित कर कोविड पर शीघ्र ही पूर्ण नियंत्रण प्राप्त करने की अपनी मुहिम को कार्य स्वरूप प्रदान किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान के निर्देश पर कोविड प्रबंधन रणनीति तैयार कर चुनौती का सामना करने के लिए प्रदेश में संस्थागत व्यवस्था की गई है। इन व्यवस्थाओं में जन-सहयोग की अपनी महती भूमिका है।
प्रबंधन की संस्थागत व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कोविड टास्क फोर्स कार्यरत है। टास्क फोर्स की जिम्मेदारी गृह, लोक स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री एवं इन विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी गई है।इसके अलावा राज्य स्तरीय टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी गठित की गई है। कमेटी मरीजों की चिकित्सा संबंधी मॉनिटरिंग एवं आवश्यकतानुसार यथास्थान वांछित व्यवस्थाओं की आपूर्ति का निर्वहन कर रही है। इसमें एम्स भोपाल, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, स्वास्थ्य विभाग तथा निजी क्षेत्रों के प्रतिष्ठित चिकित्सकों को शामिल किया गया है।
कोविड प्रबंधन दल
राज्य शासन द्वारा प्रत्येक जिले के लिए मंत्री तथा राज्य शासन के प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के अधिकारी प्रभारी नियुक्त किये गये हैं।ये अधिकारी कलेक्टर एवं क्राईसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों के साथ प्रतिदिन संवादरत रहते हैं। मैदानी क्षेत्र में स्थिति पर सतत निगाह रखने के लिये क्षेत्र में भ्रमण भी करते रहते हैं।
वर्टिकल दल
राज्य स्तरीय गठित वर्टिकल समिति ऑक्सीजन की उपलब्धता तथा वितरण, कोविड केयर सेंटर की स्थापना तथा संचालन, नये पीएसए प्लांटस की स्थापना तथा चिकित्सालयों में ऑक्सीजन लाइनों का विस्तार तथा रेमडेसिविर सहित दवाइयों की उपलब्धता तथा वितरण का कार्य कर रही हैं।
जन-सहयोग से संचालित प्रबंधन रणनीति
कोविड संक्रमण को जिले से लेकर ग्राम स्तर पर ही समाप्त करने की दिशा में राज्य शासन द्वारा समाज के सभी वर्गों को इसमें शामिल करते हुए प्रत्येक जिले के कोविड 19 प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता जिला स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप कार्यरत हैं।इसके अलावा विकासखंड स्तर पर विकासखंड संकट प्रबंधन समूह, ग्राम संकट प्रबंधन समूह प्रत्येक ग्राम स्तर पर गठित किए गए हैं।नगरीय क्षेत्रों में वार्ड संकट प्रबंधन समूह का गठन प्रत्येक वार्ड में किया गया है।