मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के समय यह पीड़ित मानवता की सेवा का महान अवसर है। आपको ‘सिस्टर’ के धर्म का पूरा निर्वाह करना है। मुख्यमंत्री चौहान कल निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों में नव-नियुक्त नर्सों को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश में 1015 नर्सों की नियुक्ति की गई है। वी.सी. में स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी व सभी संबंधित उपस्थित थे। नर्सेज जिलों में एन.आई.सी केन्द्रों से शामिल हुईं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना के समय मरीज के साथ अस्पताल में अटेंडेंट नहीं रहता। ऐसे में नर्स की ड्यूटी ओर बढ़ जाती है। उसे निरंतर मरीज के हेल्थ पैरामीटर्स चैक करने के अलावा उसकी निरंतर देखभाल करना तथा मनोबल बढ़ाना भी आवश्यक है। अपने नवीन कार्य का प्रारंभ करें और अपनी सेवा से मरीजों में नव-जीवन का संचार करें। आप सभी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ।
‘सिस्टर’ स्नेह, प्रेम और आत्मीयता की प्रतिमूर्ति
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नर्स को हम ‘सिस्टर’ अर्थात बहन कहते हैं। बहन स्नेह, प्रेम और आत्मीयता की प्रतिमूर्ति होती है। उनका परिवार के प्रति अद्भुत स्नेह होता है। इसी प्रेम, स्नेह एवं आत्मीयता से मरीजों की सेवा करें। मुख्यमंत्री चौहान ने सिस्टर सरोज यादव द्वारा कोरोना उपचार के दौरान की गई सेवा की सराहना भी की।
यह समय युद्ध काल जैसा है
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल युद्ध काल जैसा है। हम पिछले लगभग डेढ़ वर्ष से कोरोना के विरूद्ध लड़ाई लड़ रहे हैं। हमें दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहना है। ऐसे में ‘सिस्टर’ पूरे धैर्य एवं संयम के साथ अपने पवित्र कर्त्तव्य का निर्वाह करें।
सकारात्मक दृष्टिकोण रखकर कार्य करें
मुख्यमंत्री चौहान ने एक कहानी के माध्यम से बताया कि कार्य के प्रति तीन प्रकार का दृष्टिकोण हो सकता है। पहला कार्य को मजबूरी अथवा बोझ मानना, दूसरा उसे केवल आजीविका मानना तथा तीसरा कार्य को सेवा का अवसर मानकर उसके लिए ईश्वर को धन्यवाद देना। हम कार्य को सेवा मानें और सकारात्मक दृष्टिकोण रखकर कार्य करें।
वैक्सीन का एक भी डोज़ बेकार न जाए
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आप में से कई ‘सिस्टर्स’ की ड्यूटी वैक्सीनेशन के लिए लगाई जायेगी। वैक्सीन हमारे लिए अमृत समान है। सभी ‘सिस्टर्स’ इस बात का ध्यान रखें कि वैक्सीन का एक भी डोज़ बेकार न जाये।