कोविड-19 में दिवंगत कर्मचारियों के परिवारों की देखभाल हमारी जिम्मेदारी: CM शिवराज सिंह

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By Mohit DevkarPublished On: May 17, 2021
MP News

भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड के संकट काल में हमारे कर्मचारियों ने पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन किया है। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जब हम लोगों से घरों में बने रहने की अपील कर रहे हैं, तब ये कर्मचारी भाई-बहन दिन-रात मैदान में अपनी जान हथेली पर रखकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। इन्हीं के प्रयासों से व्यवस्थाएँ सुचारू रूप से चल रही हैं।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऐसे में कई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाएँ भी हुई हैं। काम करते हुए हमारे कई कर्मचारी भाई-बहन कोविड-19 के दौरान हमसे बिछड़ गए, उनकी जीवन लीला समाप्त हो गई। उनके परिवारों की देखभाल और उनकी चिंता करना हमारी जवाबदारी है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि कर्मचारियों के कल्याण के लिए दो योजनाएँ बनाई जाएंगी। यह हैं मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना तथा मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना।

मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना

मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना में समस्त नियमित स्थाईकर्मी, कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले, दैनिक वेतन भोगी, तदर्थ, संविदा, कलेक्टर दर, आउटसोर्स के रूप में कार्यरत शासकीय सेवकों के लिए लागू की गई है। योजना के अंतर्गत इन सेवायुक्तों की कोविड संक्रमण से मृत्यु होने पर उनके परिवार के पात्र एक सदस्य को उसी प्रकार के नियोजन में अनुकम्पा नियुक्ति दी जाएगी।

मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि राज्य में कार्यरत समस्त, नियमित, स्थाईकर्मी, दैनिक वेतन भोगी, तदर्थ, संविदा, आउटसोर्स, अन्य शासकीय सेवक/सेवायुक्तों की कोविड-19 के कारण आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को तात्कालिक आर्थिक सहायता के रूप में 5 लाख रूपए की अनुग्रह राशि प्रदान की जायेगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि संकट की स्थिति में यह अनुग्रह राशि उनके परिवारों का संबल बनेगी। इस योजना में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा कार्यकर्ता, ग्राम कोटवार इत्यादि कर्मी भी सम्मिलित होंगे। अनुकम्पा नियुक्ति की योजना में आशा कार्यकर्ताओं के लिए भी अलग से योजना बनाई जा रही है ताकि इन परिवारों के जो आश्रित भाई-बहन हैं, उन्हें राहत मिल सके और उनकी आजीविका चलती रहे।