महाकुंभ में CM योगी ने मंत्रियों संग लगाई डुबकी, कैबिनेट बैठक में लिए गए अहम फैसले, इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी

srashti
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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें राज्य के विकास के लिए कई अहम फैसले लिए गए। बैठक के बाद सीएम योगी और उनके मंत्रीगण ने महाकुंभ में संगम तट पर डुबकी लगाई और प्रवासी पक्षियों को दाना भी खिलाया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आगामी विकास योजनाओं के बारे में बताया।

प्रयागराज-चित्रकूट क्षेत्र के विकास के लिए उठाए जाएंगे कदम

सीएम योगी ने घोषणा की कि प्रयागराज और चित्रकूट के विकास के लिए नीति आयोग के सहयोग से एक बड़ा विकास क्षेत्र विकसित किया जाएगा। इसके अंतर्गत गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार किया जाएगा, जो प्रयागराज से मिर्जापुर, भदोही, काशी, चंदौली, गाजीपुर, और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। इसके अलावा, वाराणसी और चंदौली को सोनभद्र से जोड़ा जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

प्रयागराज, वाराणसी और आगरा के लिए बॉन्ड जारी होंगे

सीएम योगी ने कहा कि प्रयागराज, वाराणसी और आगरा नगर निगमों के लिए विशेष बॉन्ड जारी किए जाएंगे। इन बॉन्डों के जरिए स्थानीय विकास योजनाओं को और अधिक मजबूत किया जाएगा।

महाकुंभ में 9.25 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

सीएम ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में 9.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम तट पर पवित्र डुबकी लगाई। यह एक ऐतिहासिक आंकड़ा है, जो प्रयागराज की धार्मिक महत्ता को दर्शाता है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि प्रयागराज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए भी बॉन्ड जारी किया जाएगा।

नए मेडिकल कॉलेज और आईटीआई का स्थापना

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि प्रदेश में 62 आईटीआई और 5 नवप्रवर्तन, अविष्कार और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, हाथरस, कासगंज और बागपत में तीन नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे, जो क्षेत्रीय स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करेंगे।

रोजगार और निवेश के लिए नए कदम

सीएम योगी ने बताया कि उत्तर प्रदेश एयरोस्पेस एवं रक्षा और रोजगार नीति के पांच साल पूरे हो गए हैं, और इसे नवीनीकरण किया जाएगा। साथ ही, अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए नए प्रोत्साहन की घोषणा की जाएगी।

अखिलेश यादव का तीखा हमला

वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कैबिनेट बैठक को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि महाकुंभ और प्रयागराज धार्मिक स्थल हैं, न कि राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कैबिनेट बैठक को राजनीतिक बना दिया गया है और कुंभ के पवित्र स्थान पर यह फैसले लेना राजनीतिकरण का उदाहरण है।