Hush Money Case : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। “हश मनी” मामले में न्यूयॉर्क हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देने से इंकार कर दिया है। यह मामला उस समय का है जब ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने एक अडल्ट फिल्म स्टार, स्टार्मी डेनियल्स को चुप रहने के लिए पैसे दिए थे। अब, हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, और शुक्रवार को सर्वोच्च अदालत इस मामले में सुनवाई करेगी।
ट्रंप की याचिका खारिज, अब सुप्रीम कोर्ट से मदद की उम्मीद
न्यूयॉर्क के मैनहटन ट्रायल कोर्ट ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि 10 जनवरी को ट्रंप को सजा सुनाई जाएगी। ट्रंप ने इस फैसले को रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद, ट्रंप ने अब सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जहां शुक्रवार को उनकी याचिका पर सुनवाई होगी।
हाईकोर्ट में सरकारी वकील ने हस्तक्षेप की आवश्यकता पर उठाए सवाल
मामले की सुनवाई में सरकारी वकीलों ने कोर्ट में यह कहा कि हाईकोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है। मैनहटन कोर्ट के जस्टिस जुआन मर्चन ने भी संकेत दिया है कि उन्हें ट्रंप को कारावास की सजा देने की कोई आवश्यकता महसूस नहीं होती।
2006 में बने थे संबंध, 2016 में चुप रहने के लिए दिए थे पैसे
ट्रंप और स्टार्मी डेनियल्स के बीच 2006 में संबंध बने थे। आरोप है कि 2016 में राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप ने डेनियल्स को चुप रहने के लिए 1,30,000 डॉलर दिए थे। इस घटना के बाद ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की और व्हाइट हाउस पहुंचे। अगर ट्रंप को सजा होती है तो वे अमेरिका के पहले ऐसे राष्ट्रपति होंगे, जिन्होंने आपराधिक मामले में सजा पाई हो।
क्या ट्रंप को मिलेगी राहत?
अगर ट्रंप को कारावास नहीं होता है, तो वह 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने में कोई कानूनी अड़चन नहीं आनी चाहिए। इस मामले में आगामी सुनवाई का परिणाम ट्रंप के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।