जनवरी के दूसरे दौर की कड़ाके की सर्दी ने पूरे मध्यप्रदेश को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है। इस साल जनवरी में पहली बार इतनी ठंड पड़ रही है। गुरुवार को दिन का तापमान 26.9 डिग्री और रात का तापमान 8.6 डिग्री तक गिर गया। सुबह 9 बजे तक घना कोहरा छाया रहा, इसके बाद तेज ठंडी हवाओं ने लोगों को कंपकंपा दिया। दोपहर की तेज धूप के बावजूद ठंडी हवाओं के कारण लोग ठिठुरते रहे।
9 जिलों में बढ़ी सर्दी, कोल्ड डे का अलर्ट जारी
प्रदेश के 9 जिलों में कोल्ड-डे का अलर्ट जारी किया गया है, वहीं सुबह करीब 20 जिलों में घना कोहरा छाया रहा। बर्फीली हवाओं के कारण प्रदेश के अधिकांश शहरों में दिन-रात कड़ाके की ठंड महसूस हो रही है। पिछली दो रातों से तापमान में भारी गिरावट आई है। मौसम विभाग के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख में बर्फ पिघलने के कारण हवाओं की गति भी तेज हो गई है। बुधवार को जेट स्ट्रीम हवाओं की रफ्तार 268 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई।
मध्यप्रदेश में ठंड का दूसरा दौर, एक सप्ताह तक रहेगी सर्दी
मौसम विभाग के अनुसार, जनवरी में प्रदेश में ठंडी हवाएं बनी रहेंगी। 20 से 22 दिनों तक शीतलहर चलने का अनुमान है। जनवरी के पहले सप्ताह में भी कड़ाके की ठंड का सामना हुआ था, और अब ठंड का दूसरा दौर शुरू हो चुका है।
इंदौर में पारा माइनस में, ठंड का नया रिकॉर्ड
इंदौर में जनवरी में सर्दी का रिकॉर्ड माइनस में पहुंच चुका है। 16 जनवरी 1935 को पारा माइनस 1.1 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था, जो अब तक का ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 27 जनवरी 1990 को दिन का तापमान 33.9 डिग्री तक पहुंच गया था। 6 जनवरी 1920 को एक दिन में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड बना था, जब 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 1920 में ही सबसे अधिक मासिक बारिश 4 इंच दर्ज की गई थी। इस साल भी कड़ाके की ठंड का अलर्ट जारी किया गया है, जिससे पिछले साल के तापमान का रिकॉर्ड टूटने की संभावना है।