स्मार्टफोन यूजर्स के लिए बड़ी खुशखबरी! 10 रुपये का रिचार्ज कूपन फिर से होगा चालू, TRAI ने सिम कार्ड नियमों में किए बदलाव

srashti
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टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने स्मार्टफोन यूजर्स के लिए सिम कार्ड से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों से न केवल 2G और डबल सिम यूजर्स को राहत मिलेगी, बल्कि वाई-फाई यूजर्स और इंटरनेट की जरूरत न रखने वाले लोगों के लिए भी सुविधाएं बढ़ेंगी। अब महंगे और अनावश्यक रिचार्ज की झंझट भी समाप्त हो जाएगी। आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।

स्पेशल ट्रैफिक वाउचर (STV) को अनिवार्य किया गया

TRAI ने वॉयस कॉल और SMS के लिए स्पेशल ट्रैफिक वाउचर को अनिवार्य कर दिया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यूजर्स अपनी जरूरत के हिसाब से प्लान का चुनाव कर सकें। यह बदलाव विशेष रूप से उन यूजर्स के लिए फायदेमंद होगा, जो इंटरनेट का इस्तेमाल कम करते हैं या नहीं करते। इससे वरिष्ठ नागरिकों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को राहत मिलेगी, जिन्हें केवल वॉयस कॉल्स और SMS की आवश्यकता होती है।

रिचार्ज न कराने पर सिम कार्ड की वैलिडिटी बढ़ी

अब तक, अगर यूजर ने 90 दिनों तक रिचार्ज नहीं किया तो सिम कार्ड बंद हो जाता था। लेकिन TRAI के नए नियमों के अनुसार, अब सिम कार्ड 365 दिन तक वैलिड रहेगा, भले ही यूजर रिचार्ज न कराए। यह बदलाव उन लोगों के लिए लाभकारी होगा, जो कम उपयोग करते हैं या सिम का उपयोग सिर्फ इमरजेंसी में करते हैं।

टेलीकॉम कंपनियों के लिए 10 रुपये का टॉप-अप जरूरी

TRAI के नए नियमों के तहत, जियो, एयरटेल और अन्य टेलीकॉम कंपनियों को अब अपने नेटवर्क पर कम से कम 10 रुपये का टॉप-अप रखना अनिवार्य होगा। इसका मतलब है कि यूजर्स को अब बिना किसी परेशानी के अपनी सिम का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं, बिना अधिक खर्च किए।

वाउचर्स के लिए कलर कोडिंग खत्म

पहले वाउचर्स को पहचानने के लिए कलर कोडिंग का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन TRAI ने इसे समाप्त कर दिया है। अब वाउचर्स की पहचान करने के लिए किसी विशेष रंग का इस्तेमाल नहीं होगा, जिससे उपयोगकर्ताओं के लिए यह प्रक्रिया अधिक सरल हो जाएगी।

TRAI के कन्सल्टेशन पेपर पर चर्चा

TRAI ने इस साल जुलाई में टेलीकॉम कंज्यूमर प्रोटेक्शन रेगुलेशन 2012 को लेकर एक कन्सल्टेशन पेपर जारी किया था। इसमें ट्रैफिक उपलब्धता, वाउचर की वैलिडिटी और कलर कोडिंग जैसे कई मुद्दों पर हितधारकों से सुझाव मांगे थे। इसके बाद अक्टूबर में इस पेपर पर चर्चा हुई और इन नए नियमों को लागू करने का निर्णय लिया गया।