घर भी बना सकता हैं कंगाली का कारण! भूलकर भी न करें इन महीनों में मकान बनाने की शुरुआत

Meghraj
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Vastu Tips : सनातन धर्म में यह विश्वास है कि हर कार्य के लिए एक विशेष समय होता है। शुभ मुहूर्त में किए गए कार्यों का परिणाम सकारात्मक होता है, जबकि अशुभ समय में किए गए कार्यों से नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। खासकर घर बनाने के लिए शुभ समय का चुनाव बहुत अहम माना जाता है, क्योंकि घर निर्माण के समय का सीधा प्रभाव उस घर में रहने वाले लोगों की सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य पर पड़ता है।

आज हम आपको उन खास पांच महीनों के बारे में बताएंगे, जिनमें घर का निर्माण करना अशुभ माना जाता है…

पौष माह

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पौष माह (दिसंबर-जनवरी) में घर का निर्माण करना अशुभ माना जाता है। इस माह में घर बनाने से घर में हमेशा अनहोनी घटनाएं हो सकती हैं। माना जाता है कि ऐसे घर में कभी भी खुशहाली नहीं रहती, और घर में चोरी या कोई अन्य संकट का सामना हो सकता है। साथ ही, परिवार के सदस्य अक्सर बीमार रहते हैं, और घर में शांति का अभाव होता है।

चैत्र मास

चैत्र मास (मार्च-अप्रैल) का समय भी घर निर्माण के लिए शुभ नहीं माना जाता। इस माह में घर बनाने से घर में हमेशा बीमारियों का प्रकोप बना रहता है। इसके साथ ही, घर में सुख-शांति का माहौल कभी नहीं बन पाता। घर के लोग मानसिक और शारीरिक परेशानियों से जूझते रहते हैं, जो उनके जीवन को कष्टमय बना देता है।

ज्येष्ठ मास

ज्येष्ठ मास (मई-जून) में घर बनाने का निर्णय लेने से घर के लोग समाज में सम्मान की कमी का सामना करते हैं। ऐसे घर के लोग कभी भी सफलता की ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाते। उनकी मेहनत का फल भी उन्हें समय पर नहीं मिलता, और जीवन में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। घर में समृद्धि की कमी रहती है, और यह माह घर निर्माण के लिए अशुभ माना जाता है।

भाद्रपद मास

भाद्रपद मास (अगस्त-सितंबर) में घर बनाने से जीवन में लगातार संघर्ष और परेशानी बनी रहती है। इस माह में बनाए गए घरों के लोग कभी भी अपने जीवन में ऊंचा मुकाम नहीं हासिल कर पाते। परिवार के सभी सदस्य किसी न किसी कारण परेशान रहते हैं, और उनकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति कमजोर रहती है, जिससे वे हर समय तनाव और समस्याओं से घिरे रहते हैं।

आश्विन मास

आश्विन मास (सितंबर-अक्टूबर) में घर का निर्माण करना भी अशुभ माना जाता है। इस माह में घर बनाने से घर में कभी भी बरकत नहीं होती, और घर के लोग परेशान रहते हैं। खासकर घर की महिलाएं मानसिक और शारीरिक तनाव का सामना करती हैं। साथ ही, परिवार में झगड़े और विवाद होते रहते हैं, जिससे घर का माहौल हमेशा तनावपूर्ण बना रहता है।

Disclaimer : यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। Ghamasan.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।