SP and Congress: लोकसभा चुनाव 2024 के बाद से इंडिया गठबंधन में रिश्ते खराब होते जा रहे हैं। यूपी में सपा और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जिससे बीजेपी को नुकसान हुआ, लेकिन अब दोनों पार्टियों के बीच तनाव बढ़ गया है। पिछले छह महीनों में क्षेत्रीय दलों और कांग्रेस के बीच कई मुद्दों को लेकर विवाद सामने आए हैं।
सीट शेयरिंग विवाद और असहमति
हाल ही में उपचुनावों के दौरान सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और सपा के बीच विवाद उत्पन्न हुआ था। इसके बाद महाराष्ट्र, हरियाणा, और झारखंड विधानसभा चुनावों में भी सीटों के बंटवारे को लेकर तनातनी बढ़ गई। खासकर सपा और आरजेडी के साथ कांग्रेस के रिश्ते तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। इस सबका असर कांग्रेस के भीतर और गठबंधन में भी नजर आ रहा है।
सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में संसद में कांग्रेस को “थैंक यू” कहकर तंज किया। इसके बाद रामगोपाल यादव ने राहुल गांधी के दौरे को “फॉर्मेलिटी” बताकर एक बार फिर से कांग्रेस पर निशाना साधा। साथ ही विपक्षी गठबंधन के अंदर सीटों के वितरण को लेकर विवाद भी खुलकर सामने आया है, जो यह दर्शाता है कि गठबंधन में सब कुछ सही नहीं चल रहा है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनावों में विपक्षी दल कांग्रेस को “छोटे भाई” की भूमिका में रखना चाहते हैं और उन्हें कम से कम सीटें देना चाहते हैं, ताकि उनके लिए नुकसान कम हो। वहीं, कांग्रेस यह चाहती है कि लोकसभा चुनाव की तरह उसे विधानसभा चुनावों में भी समान महत्व दिया जाए, या कम से कम बराबरी का दर्जा मिले।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव कांग्रेस की बढ़ती सक्रियता से चिंतित हैं, खासकर दलित और मुस्लिम वोटबैंक में कांग्रेस की बढ़ती हिस्सेदारी को लेकर। राहुल गांधी का हाल ही में संभल और हाथरस का दौरा सपा को अच्छा नहीं लगा। सपा को यह डर है कि कांग्रेस उनकी कोर वोटबैंक में सेंधमारी कर सकती है, जिससे उन्हें चुनाव में नुकसान हो सकता है।