आपने अक्सर कुत्ते के काटने की घटनाओं के बारे में सुना होगा। लेकिन बिल्लियों के काटने के मामले अपने बहुत काम ही सुने होंगे। दरसल, मध्य प्रदेश के खंडवा में बिल्ल्यों का काटने के कई मामले सामने आ रहे हैं। हर महीने खंडवा में बिल्लियों के काटने के लगभग 25 से 30 मामले सामने आ रहे हैं।
घटनाओं में घरेलु और जंगली बिल्लियों दोनों ही शामिल हैं। डॉक्टरों ने बताया की बिल्लियों के काटने के साल में लगभग 300 मामले दर्ज किये गए हैं। इनका ट्रीटमेंट भी अस्पताल के डॉक्टर रेबीज के ट्रीटमेंट की गाइडलाइन के हिसाब से ही कर रहे हैं। डॉक्टरों ने सलाह दी है की जो भी लोग अपने घर में पालतू जानवर रखते हैं वे उनका वैक्सीनेशन ज़रूर करवाएं। इसके अलावा उनके खाने और सोने के समय के साथ छेढ़छाड़ ना की जाए।
इन बातों का रखें ख़ास ध्यान
अन्य जानवरों के साथ ही हर साल खंडवा जिला अस्पताल में लगभग 300 मामले बिल्लियों के काटने के भी आ रहे हैं। अपने घरों में भी लोग आजकल बिल्ली पालने लगे हैं। ऐसे में कुछ मामले घरों के आस पास रहने वाली बिल्लियों के भी हैं।
डॉक्टर ने बताया की कुछ मामले बंदरों के काटने के भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा की कोई भी पालतू जानवर जब भूखा होता है या सो रहा होता है तो उस समय उन्हें नहीं छेड़ना चाहिए। ऐसा करने से हमला करने की संभावना बढ़ जाती है। बच्चों को ऐसे पालतू जानवरों से दूर रखें और घर में सावधनी का भी ध्यान रखें।