Digital Arrest : इंदौर में एक महिला कारोबारी से साइबर ठगों ने तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके 1.60 करोड़ रुपये ठगने का मामला सामने आया है। महिला ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई है, जिसमें बताया कि ठगों ने ऑनलाइन कॉल के जरिए उन्हें डराया और उनके बैंक अकाउंट्स की जानकारी लेकर पैसे ट्रांसफर करवा लिए।
ED और CBI अफसर बनकर धमकाया
यह घटना वंदना (40) और उनके पति राजीव गुप्ता के साथ हुई। वंदना राठी ग्रुप में काम करती हैं और शेयर एंड कमोडिटी का कारोबार करती हैं। 9, 10 और 11 नवंबर को वंदना के पास एक वीडियो कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) का अधिकारी बताया। उन्होंने वंदना से कहा कि उनके बैंक खातों में अवैध ट्रांजेक्शन हुए हैं और यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है, जिसमें उन्होंने नरेश गोयल नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि वंदना के खातों का सत्यापन करना जरूरी है और इसी दौरान ठगों ने एक करोड़ 60 लाख रुपये की राशि ट्रांसफर करवा ली।
धमकियों से परेशान होकर FD तोड़ी
वंदना ने अपनी शिकायत में बताया कि ठगों ने लगातार धमकाया कि अगर वे सहयोग नहीं करेंगी, तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा और मामला बढ़ जाएगा। इस डर के चलते वंदना ने अपनी एक करोड़ रुपये की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) भी तोड़ दी और उसे भी ठगों के कहने पर दूसरे खातों में ट्रांसफर करवा दिया। इसके बाद ठगों ने वंदना को गोल्ड लोन लेने का भी दबाव डाला, लेकिन उन्हें शंका होने पर परिवार से बात की और इस धोखाधड़ी की जानकारी दी।
ठगों ने वंदना को जेल भेजने की धमकी दी
ठगों ने वंदना से कहा कि उसके अकाउंट्स में काले धन का लेन-देन हो रहा है, और इसके आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का प्रकरण दर्ज किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इसके बाद, ठगों ने वंदना से उनके बैंक खाते, कारोबार और आईडी कार्ड की जानकारी ली और इस जानकारी के आधार पर एक करोड़ 60 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। ठगों ने वंदना को लगातार धमकाया कि अगर उसने सहयोग नहीं किया, तो उसे जेल भेज दिया जाएगा।
तीन दिन तक Digital Arrest किया, फिर भी दबाव डालते रहे
इस पूरे घटनाक्रम में ठगों ने वंदना को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। तीन दिन तक लगातार दबाव बनाकर ठगों ने वंदना से पैसे ट्रांसफर करवाए। बाद में, ठगों ने गोल्ड लोन लेने के नाम पर और पैसे मांगने के लिए वंदना से संपर्क किया। इसके बाद वंदना को संदेह हुआ और उन्होंने अपने परिवार से इस मामले की जानकारी ली।
नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर की शिकायत
वंदना ने साइबर ठगी के बारे में अपनी शंका को लेकर नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत की। इसके बाद, इंदौर क्राइम ब्रांच को इस मामले की जानकारी मिली और उन्होंने वंदना को बुलाकर पूरी स्थिति को समझा। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है और ठगों की पहचान के लिए प्रयास कर रही है।
इंदौर में Digital Arrest के मामले बढ़े
यह मामला इंदौर में पिछले तीन महीने में डिजिटल अरेस्ट के मामलों का 65वां मामला है। साइबर ठगी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है और ऐसे मामलों में आम लोगों को लगातार ठगों के शिकार होने का खतरा बना हुआ है। पुलिस और साइबर सेल इस प्रकार की धोखाधड़ी के मामलों में लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर रही है।