फिर 5 हज़ार करोड़ का नया क़र्ज़ लेने की योजना मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार बना रही है। बता दें की सरकारी बांड या स्टॉक गिरवी रखकर यह क़र्ज़ ई – ऑक्शन प्रक्रिया के माध्यम से लिया जायेगा। यह राशि 2500 – 2500 करोड़ के दो हिस्सों में प्राप्त होगी। इस क़र्ज़ की अवधि 20 साल और 14 महीने तक होगी।
11 महीनों में कर्ज का आंकड़ा पहुंचा 40 हजार 500 करोड़
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार 11 महीनों में कुल 40 हज़ार 500 करोड़ का क़र्ज़ पहले ही ले चुकी है। यह क़र्ज़ राज्य के तमाम विकास कार्यों को पूरा करने के उद्देश्य से ली गई है।
3 लाख 90 हजार करोड़ का भारी कर्ज
अब तक 3 लाख 90 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ मध्य प्रदेश की जनता पर हो चूका है। यह राज्य की वित्तीय स्थिरता के लिए एक गंभीर विषय है। लगातार बढ़ते क़र्ज़ को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है की राज्य की आर्थिक संरचना पर इसका नकारात्मक प्रभाव पद सकता है।
RBI करेगा कर्ज प्रबंधन का कार्य
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के माध्यम से यह क़र्ज़ लिया जायेगा। सरकारी बांड और स्टॉक को गिरवी रखकर सरकार इस राशि को जुटाएगी। सरकार के पास यह धनराशि ई – ऑक्शन के माध्यम से स्थानांतरित होगी।
राज्य की आर्थिक स्थिति परउठ रहे सवाल
लगातार बढ़ते क़र्ज़ को देखकर कई लोगों और विशेषज्ञों का यह मानना है की यह राज्य की आर्थिक स्थिति को कमज़ोर कर सकती है। इस बढ़ते क़र्ज़ को देखकर वित्तीय विशेषज्ञों ने इसे चिंता का विषय बताया और कहा की यह राज्य के विकास के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है।