Swami Ramabhadracharya: जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को सांस लेने में दिक्कत होने पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंगलवार शाम उन्हें प्रयागराज से एयरलिफ्ट कर देहरादून लाया गया, जहां उनकी स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. कमल गर्ग ने जानकारी दी कि स्वामी रामभद्राचार्य का इलाज एक विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा किया जा रहा है, और उनकी स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है।
स्वामी रामभद्राचार्य की दूसरी बार श्वास संबंधी समस्या
यह वर्ष 2024 का दूसरा मौका है जब स्वामी रामभद्राचार्य को श्वास संबंधी समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले, फरवरी में उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक धार्मिक कथा के दौरान उन्हें सांस लेने में कठिनाई हुई थी। उस समय भी उन्हें देहरादून स्थित सिनर्जी अस्पताल लाया गया था, जहां बाद में उनकी स्थिति को देखते हुए दिल्ली स्थित एम्स भेजा गया था। उपचार के बाद स्वामी रामभद्राचार्य स्वस्थ हो गए थे और वह जल्द ही अपनी साधना में वापस लौटे थे।
स्वास्थ्य परीक्षण में निमोनिया के लक्षण पाए गए थे
स्वामी रामभद्राचार्य की पिछली भर्ती के दौरान देहरादून के अस्पताल में डॉक्टरों ने उनके स्वास्थ्य परीक्षण में निमोनिया के लक्षण पाए थे। हालांकि, उपचार के बाद वे पूरी तरह से स्वस्थ हो गए थे। उस समय उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनके शिष्य बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी अस्पताल जाकर उनका हालचाल लेने पहुंचे थे।
स्वामी रामभद्राचार्य का परिचय
स्वामी रामभद्राचार्य भारतीय हिंदू धर्म के प्रसिद्ध संत, संस्कृत विद्वान, कवि और लेखक हैं। वे रामचरित मानस के रचयिता तुलसीदास की स्मृति में चित्रकूट स्थित तुलसी पीठ के संस्थापक हैं। स्वामी रामभद्राचार्य का योगदान न केवल आध्यात्मिक बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके द्वारा रचित श्लोकों और धार्मिक ग्रंथों का भारत के धार्मिक जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है, और वे कई श्लोकों को कंठस्थ कर चुके हैं।स्वामी रामभद्राचार्य के स्वास्थ्य के मामले में हालिया रिपोर्ट चिंता का कारण बनी हुई है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनकी स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। उनके अनुयायी और समर्थक उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।