Kailash Gehlot Resignation: आज सुबह दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे के साथ एक खुला पत्र लिखते हुए पार्टी और सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिसमें सरकार के कार्यों की दिशा पर सवाल उठाए गए हैं।
विकास कार्यों में रुकावट और केंद्र से विवाद
गहलोत ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी का समय केंद्र सरकार से विवाद करने में ही व्यतीत होता है, जबकि जनता के लिए किए गए वादों को पूरा करने में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उनका कहना था कि जब सरकार का ध्यान आरोप-प्रत्यारोप में उलझा रहता है, तो विकास कार्यों को पूरा करने में अड़चनें आती हैं। इससे दिल्ली के नागरिकों को वह सुविधाएं नहीं मिल पातीं जिनकी उन्हें जरूरत है।
जनता से किए गए वादों को पूरा करने में नाकामी
पत्र में गहलोत ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी की प्राथमिकता कभी जनता के वादों को पूरा करने में नहीं रही। विशेष रूप से यमुना सफाई का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि, “हमने दिल्लीवासियों से वादा किया था कि यमुना को साफ किया जाएगा, लेकिन पिछले दस सालों में न तो प्रदूषण कम हुआ और न ही कोई ठोस कदम उठाए गए। यमुना की हालत पहले से और बदतर हो गई है।”
शीश महल और सादगी के वादे का उल्लंघन
गहलोत ने पत्र में दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्रियों के आवास के रिनोवेशन का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने चुनावों से पहले जनता से सादगी का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आते ही उस वादे को दरकिनार कर दिया गया। उन्होंने विशेष रूप से मुख्यमंत्री आवास को “शीश महल” में तब्दील करने पर आपत्ति जताई, और यह भी कहा कि जनता के पैसों का इस तरह से दुरुपयोग किया जा रहा है। गहलोत के अनुसार, यह एक “जनता के साथ मजाक” है।
आखिरकार पार्टी छोड़ने का फैसला
कैलाश गहलोत ने इन तमाम मुद्दों के बारे में अपनी निराशा व्यक्त करते हुए बताया कि वह पार्टी छोड़ने का कठोर निर्णय ले चुके हैं। उनका कहना था कि, “हमने पार्टी के साथ मिलकर जनता के लिए बहुत कुछ करने का सोचा था, लेकिन पार्टी के अंदर की कार्यशैली और निर्णयों ने मुझे मजबूर कर दिया कि मैं इस रास्ते को छोड़ दूं।”
गहलोत का इस्तीफा आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब पार्टी आगामी चुनावों की तैयारी कर रही है। उनकी नाराजगी और इस्तीफा पार्टी के भीतर और बाहर दोनों जगहों पर गंभीर चर्चा का विषय बन गया है।