17 महीने की सृष्टि बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में करीब 4 महीने से वेंटिलेटर पर है। दरअसल, उसे स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी नाम की रेयर बीमारी है। जिसकी वजह से उसे पिछले 8 महीने से जिंदगी लड़ना पड़ रही है। वह पिछले 4 महीने से वेंटिलेटर पर है। उसके इलाज के लिए 22.5 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगना है। अभी बच्ची के लिए सिर्फ 22 लाख रुपयों का ही इंतजाम हो पाया है। इस बच्ची को 22 करोड़ का इंजेक्शन लगना है।
आपको बता दे, सृष्टि की बीमारी ऐसी है कि देश में उपलब्ध दवाओं से उसकी जान नहीं बचाई जा सकती। इस वजह से डॉक्टर्स ने बच्ची को जोल्जेंसमा इंजेक्शन लगाने की सलाह दी है। बच्ची की हालत ज्यादा गंभीर हो चुकी है। डॉक्टर्स का कहना है कि वह बस मशीनों के सहारे ही अभी तक जिंदा है। जानकारी के अनुसार, सृष्टि के पिता सतीश कुमार मूल रूप से झारखंड में पलामू जिले के कांके कला सिक्की गांव के रहने वाले हैं। वह कोरबा के दीपका स्थित कोल माइनिंग कंपनी SECL में काम करते हैं। उनका कहना है कि सृष्टि का जन्म 22 नवंबर 2019 को हुआ था।
चार-पांच महीने तक सब सामान्य रहा। अचानक सृष्टि के हाथ-पैरों ने काम करना बंद कर दिया। जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि गर्दन सही तरीके से काम नहीं कर रही। इलाज के लिए किसी एक्सपर्ट को दिखाएं। दरअसल, जून में रायपुर में कई एक्सपर्ट को दिखाने के बाद भी बीमारी पकड़ में नहीं आई।वहीं सृष्टि की हालत बिगड़ती गई। इसके बाद दिसंबर में उसे वेल्लूर (तमिलनाडु) ले गए, जहां SMA टाइप वन टेस्ट किया गया। इसकी रिपोर्ट 23 जनवरी को आई, लेकिन 30 दिसंबर को तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो सृष्टि को अपोलो में भर्ती कराया। सतीश ने छत्तीसगढ़ और झारखंड सरकार से आर्थिक मदद मांगी है।
अगर आप भी इस बच्ची की मदद करना चाहते है तोनीचे दिए गए लिंक पर डोनेशन कर सकते है। आपकी एक मदद से बच्ची की जान बच सकती है।