Chhath Puja 2024: छठ महापर्व में जुटेंगे 15 करोड़ श्रद्धालु, 12,000 करोड़ का कारोबार होने की संभावना

Author Picture
By Ravi GoswamiPublished On: November 5, 2024

छठ पर्व पर एक अहम रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि इस वर्ष करोड़ों लोग इस पर्व में भाग लेंगे। इसके साथ ही व्यापार में भी हजारों करोड़ की वृद्धि का आकलन किया गया है। यह रिपोर्ट कैट द्वारा जारी की गई है। आइए, इस रिपोर्ट के महत्वपूर्ण पहलुओं पर नजर डालते हैं।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) द्वारा छठ पर्व को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें बड़े दावे किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सहित कई राज्यों में लाखों लोग छठी मैया की पूजा करते हैं। दिल्ली में छठ पूजा के अवसर पर सरकार विशेष इंतजाम करती है। इस बार कैट ने अनुमान लगाया है कि देशभर में छठ पर्व के दौरान 12 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होगा। उनका दावा है कि बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों समेत लगभग 15 करोड़ लोग इस बार छठ पूजा में भाग लेंगे।

Chhath Puja 2024: छठ महापर्व में जुटेंगे 15 करोड़ श्रद्धालु, 12,000 करोड़ का कारोबार होने की संभावना

लघु उद्योगों का बड़ा व्यापर

गौरतलब है कि छठ पर्व के अवसर पर फल, कपड़े, फूल, साड़ियाँ, सब्जियाँ, मिट्टी के चूल्हे और अन्य छोटे उत्पादों का बड़े पैमाने पर व्यापार होता है। भारत की लोक संस्कृति में छठ को एक प्रमुख त्योहार के रूप में माना गया है। झारखंड, बिहार, दिल्ली, पूर्वी उत्तर प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश और विदर्भ सहित कई राज्यों में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।

हमारी संस्कृति का हिस्सा है छठ

छठ महापर्व के दौरान इन सामग्रियों की बिक्री अत्यधिक होती है। महिलाएं इस दिन पारंपरिक परिधान जैसे साड़ी, लहंगा, और चुन्नी पहनती हैं, जबकि पुरुष कुर्ता-पायजामा और धोती का चयन करते हैं। इन परिधानों की खरीदारी से स्थानीय व्यापारियों को अच्छा लाभ मिलता है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम (MMME) उद्योगों को भी इस बिक्री से काफी मजबूती प्राप्त होती है।

कैट के जनरल सेक्रेटरी और बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, छठ केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। इस अवसर पर व्यापार से स्थानीय उत्पादकों को काफी लाभ होगा, जिससे प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को मजबूती मिलेगी। साथ ही, स्थानीय कारीगरों और हस्तशिल्पियों को भी महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होगा।