Diwali: क्यों खाते हैं दिवाली पर जिमीकंद? जानें महत्व और खाने के फायदे

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लोगों के घर में दिवाली के त्योहार पर तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। जैसे हिंदू रिवाजों में पूजा में फलों का महत्व होता है, ठीक वैसे ही दिवाली पर जिमीकंद खाना शुभ माना जाता है। आइए, जानते हैं इसके महत्व और फायदों के बारे में:

दिवाली पर जिमीकंद खाने का महत्व:

शुभता का प्रतीक: माना जाता है कि दिवाली पर जिमीकंद खाना अशुभ शक्तियों को दूर करता है और घर में शुभता लाता है।

आयुर्वेदिक महत्व: आयुर्वेद में इसे वात को नियंत्रित करने और पाचन में सुधार लाने वाला बताया गया है, जो विशेष रूप से बदलते मौसम में लाभदायक होता है।

सर्दियों के लिए तैयारी: यह शरीर को पोषक तत्व देता है, जिससे ठंड के मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

जिमीकंद खाने के फायदे:

पाचन में सहायक: इसमें फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और कब्ज से राहत दिलाती है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए: इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं।

ब्लड शुगर कंट्रोल: जिमीकंद का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए सुरक्षित विकल्प है।

वजन घटाने में सहायक: फाइबर के कारण यह पेट को भरा रखता है और भूख कम करता है, जिससे वजन नियंत्रण में मदद मिलती है।

हड्डियों को मजबूती दे: इसमें कैल्शियम और फास्फोरस होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।

इस प्रकार, दिवाली पर जिमीकंद खाना न केवल धार्मिक परंपरा को निभाता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी कई फायदे प्रदान करता है।