पिछले साल धनतेरस के दिन, 10 नवंबर को सोने का भाव 60,750 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जबकि इस साल यह कीमत लगभग 80,000 रुपये तक पहुँच गई है। यदि हम सेंसेक्स की बात करें, तो यह पिछले छह महीनों में सिर्फ 8 फीसदी बढ़ा है। वैश्विक तनाव, महंगाई और आर्थिक सुस्ती के बावजूद, सोने की कीमतें लगातार बढ़ती रही हैं, जिससे यह निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बन गया है। पिछले साल से, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने भी सोने की खरीदारी बढ़ाई है, जबकि अमेरिका में ब्याज दरों में कमी ने सोने में निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है।
धनतेरस के चलते सोने की मांग में तेजी आई है, और इसके बाद आने वाले वेडिंग सीजन के कारण यह और बढ़ने की उम्मीद है। वर्तमान बाजार में उतार-चढ़ाव के चलते निवेशकों का सोने की तरफ ध्यान और बढ़ा है। विशेषज्ञों के अनुसार, अभी भी सोने में निवेश करने का सही समय है, और भविष्य में भी इसकी खरीदारी बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। सोने की कीमतों में स्थिरता की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।
निवेशक गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में भी निवेश कर सकते हैं। सामान्यत: सलाह दी जाती है कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो का लगभग 10 फीसदी हिस्सा सोने के रूप में रखें, ताकि वे बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षित रह सकें।