Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने विजयदशमी रैली में हिंदुओं को एकजुट और मजबूत रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कमजोर होना पाप है और समाज में मतभेदों एवं झगड़ों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उनका मानना है कि भारत की विविधता ही उसकी ताकत है, लेकिन कुछ लोग भारत की प्रगति से चिंतित हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार
भागवत ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां के अल्पसंख्यकों पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पहली बार अपनी सुरक्षा के लिए अपने घरों से बाहर आया, जिससे थोड़ी सुरक्षा मिली। भागवत ने चेतावनी दी कि असंगठित और कमजोर रहना दुष्टों के अत्याचार को आमंत्रित करता है और यह बात विश्व के हिंदू समाज को समझनी चाहिए।
महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा
इस रैली के दौरान, भागवत ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने कोलकाता के आरजी कार हॉस्पिटल की घटना, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले, और इजराइल-हमास युद्ध जैसे विषयों पर बात की। उन्होंने कहा कि आरजी कार कांड अपराध और राजनीति का मिश्रण था, और कमजोर एवं असंगठित होना एक गंभीर अपराध है। भागवत ने यह भी कहा कि हमें अपनी सुरक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए, और यह हमारा अधिकार है।
वैश्विक चुनौतियों पर चिंतन
भागवत ने वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों की चर्चा करते हुए कहा कि मानव जीवन भौतिक दृष्टि से पहले से अधिक समृद्ध है, लेकिन इस समृद्ध समाज में अनेक संघर्ष भी मौजूद हैं। इजराइल और हमास के बीच युद्ध को लेकर चिंताएं व्यक्त की गईं और इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि इसका अन्य देशों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।